भारत की राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला (एनडीटीएल) को निलंबित कर दिया गया है। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने भारत को बड़ा झटका दिया है क्योंकि प्रयोगशाला अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई है। फिलहाल, राष्ट्रीय डोप जांच प्रयोगशाला को छह महीने के लिए निलंबित किया गया है। अब वाडा के खिलाफ अपील करने का राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के पास 21 दिनों का समय है। इस निर्णय के बाद भारतीय खिलाड़ियों के कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों व प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने वाडा से मान्यता प्राप्त देश की एकमात्र प्रयोगशाला के निलंबन के लिए नाडा को दोषी ठहराया है। आईओए का कहना है कि नाडा की गलतियों की वजह से देश में डोपिंग निरोधक कार्यक्रम के मार्ग में रुकावट आ रही है। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा कि अब हमें रुपयों की बजाए डॉलर में भुगतान करना होगा। मुझे चिंता इस बात की है कि अतिरिक्त लागत कौन वहन करेगा? वाडा बार-बार एनडीटीएल की टेस्ट पद्धतियों की कमियां बता रहा था। इस पर नाडा ने कोई ध्यान नहीं दिया था।
वाडा ने एनडीटीएल को तत्काल प्रभाव से सभी परीक्षण प्रक्रियाओं को रोकने का निर्देश दिया है। अब सभी नमूनों को सुरक्षित रूप से एक मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में ले जाने की जरूरत है। हालांकि, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) अब भी नमूने एकत्र कर सकती है लेकिन उसे एनडीटीएल के निलंबन की अवधि के दौरान उनकी जांच देश के बाहर ऐसी प्रयोगशाला में करनी होगी, जो वाडा से मान्यता प्राप्त हो।
बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में एक साल से भी कम समय रह गया है। उधर, इस मामले में नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। डोपिंग रोधी विशेषज्ञ और खेल वकील पार्थ गोस्वामी ने कहा कि यह युवा मामलों और खेल मंत्रालय के लिए मुश्किल स्थिति होगी।
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