खेल हो या जॉब एक समय बाद तो रिटायर होना ही पड़ता है। किसी जॉब से रिटायर होने के बाद लोग पढ़ाई-लिखाई करते हैं। इस समय वो अपनी लाइफ का आधे से ज्यादा समय निकाल चुके होते हैं। लेकिन यहि बात खेल से रिटायर्ड हुए खिलाड़ियों की कि जाये तो रिटायरमेंट के बाद भी उनके पास बहुत समय होता है क्योंकि कोई भी खिलाड़ी 35-40 की उम्र तक रिटायरमेंट ले लेता है। इसका एक कारण उम्र के साथ उसके खेल में आई कमी भी होती है। अपनी रिटायरमेंट के बाद खिलाड़ी पब्लिक लाइफ से दूर हो जाते हैं। वो कुछ अलग और नया करने लगते हैं। खेल के बाद बड़े खिलाड़ी क्या करते हैं। यह सभी जानना चाहते हैं। लोग सोचते हैं कि रिटायरमेंट के बाद खिलाड़ियों के जीवन में कुछ खास करने लायक नहीं रहता। इस तरह के सवाल सभी के मन में होते हैं। अगर आपके भी मन में भी इस तरह के ख्याल हैं, तो आप गलत सोच रहे हैं। यहाँ हम आपको उन खिलाड़ियों के बारे में बताने वाले हैं, जो खेल को अलविदा कहने के बाद भी कई कार्यों से जुड़े हुए हैं और वहा भी उतने ही सफल हैं, जितना खेल में हुआ करते थे।
मार्टिना हिंगिस
स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस ने अपने टेनिस कैरियर में 23 साल टेनिस कोर्ट पर बिताए। उनके नाम सभी वर्ग को मिलाकर कुल 114 खिताब हैं, जिसमें 25 ग्रैंड स्लैम, पांच एकल 1997-1999 तक, 13 महिला युगल और सात मिश्रित युगल खिताब शामिल हैं। वे कम उम्र में ही विश्व चैंपियन और महज 18 वर्ष की उम्र में ही विश्व नंबर वन खिलाड़ी बन गई थीं। उन्होंने डब्ल्यूटीए फाइनल्स के सेमीफाइनल में हारने के बाद अक्टूबर 2017 में टेनिस से रिटायरमेंट ले लिया है। रिटायरमेंट के बाद वो दुनिया को जानने और घूमने के लिए विश्व भ्रमण पर निकल गई थीं।
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केल्विन ब्रॉक
केल्विन ब्रॉक अमेरिकी पेशेवर मुक्केबाज हैं। वो 2001 से 2007 के बीच कई मुक्केबाजी स्पर्धा में खेल चुके हैं। इसके साथ ही वे अमेरिकी मुक्केबाजी टीम से भी खेला करते थे। 2006 में उन्होंने रिंग मैगज़ीन का नॉकआउट ऑफ़ द इयर जीता था। एडी चैम्बर्स के साथ हुए मुकाबले में उन्हें दाहिनी आंख में चोट लग गई थी, जिससे आंख का रेटिना क्षतिग्रस हो गया था। इसके बाद उन्होंने संन्यास ले लिया। वे 1998 में नेशनल गोल्डन ग्लव्स हैवीवेट चैंपियन बने थे। केल्विन ने पेशेवर मुक्केबाजी में कुल 33 फाइट लड़ीं हैं, जिनमें से उन्हें 31 में जीत मिली। वर्तमान में वो कमर्शियल रियल एस्टेट एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही केल्विन ब्रॉक जैक एंड लैंडलॉर्ड्स के संस्थापक भी हैं। जैक एंड लैंडलॉर्ड्स एक बीमा समूह है, जिसकी स्थापना केल्विन ने 2014 में की थी।
एलेक्स रोड्रिगेज
रोड्रिगेज को अब तक के सबसे महान बेसबॉल खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उन्होंने सिएटल मेरिनर्स, टेक्सास रेंजर्स और न्यूयॉर्क यांकीज़ के लिए मेजर लीग बेसबॉल (एमएलबी) में 22 सीज़न खेले हैं। उन्होंने 14 बार ऑल-स्टार और तीन अमेरिकन लीग (एएल) मोस्ट वैल्युएबल प्लेयर (एमवीपी) अवार्ड, दस सिल्वर स्लगर अवार्ड और दो गोल्ड ग्लव अवार्ड जीते हैं। दुनिया के महान बेसबॉल खिलाड़ी एलेक्स रोड्रिगेज खेल को अलविदा कहने के बाद फॉक्स स्पोर्ट्स से जुड़ गये। उन्होंने फॉक्स के लिए एक ब्रॉडकास्टर और एबीसी न्यूज नेटवर्क के एक सदस्य के रूप में कार्य किया। वर्तमान में उन्होंने यूएफसी जिम की फ्रैंचाइज़ी ली है और वो अपने खेल के हुनर को निखार रहे हैं। अभी हाल ही में एलेक्स रोड्रिगेज ने से दो साल तक डेटिंग करने के बाद अमेरिकी सिंगर व ऐक्ट्रेस जेनिफर लोपेज से सगाई की है।
एंड्रयू फ्लिंटॉफ
इंग्लैंड के दिग्गज खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने अंतर्राष्ट्रीय मैचों से संन्यास के बाद अपना पूरा ध्यान आईपीएल में लगाया। आईपीएल में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर अपनी अलग पहचान बनाई। इसके बाद वह अपने खेल से एक दम अलग फील्ड पेशेवर मुक्केबाजी की तरफ बढ़े, लेकिन वहां कुछ खास नहीं कर पाये। इसके बाद वो फैशन के दिग्गज जैकोमो ब्रांड से जुड़ गये। उन्होंने खुद की फैशन डिजाइन रेंज भी शुरू की। इसके साथ ही वह रियालिटी टीवी शो जैसे आई एम ए सेलेब्रिटी, गेट मी आउट ऑफ हियर से जुड़े। उन्होंने क्रिकेट के अलावा भी अन्य क्षेत्रों में बहुत नाम कमाया। फ्लिंटॉफ ने इंग्लैंड के लिए 79 टेस्ट मैचों में 3845, 141 एकदिवसीय मैचों में 3394 तथा सात टी-20 मैचों में 76 रन बनाये हैं। उनके टेस्ट और वनडे में क्रमश: 226 और 169 विकेट हैं।
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सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं और उनके द्वारा बनाये इतिहास को बदल पाना शायद मौजूदा क्रिकेटरों की बात नहीं हैं। अपने खेल और व्यवहार के दम पर उन्होंने कई वर्षों तक लोगों के दिल पर राज किया है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कहने के बाद आईपीएल में अपने अनुभव का लाभ दिया। साथ ही उन्होंने अपनी आत्मकथा‘ प्लेइंग इट माई वे’ लिखी। वो राज्य सभा के नामित सदस्य भी रहे। उन्होंने बुनियादी विकास और जरूरतों को पूरा करने के लिए एक गांव भी गोद लिया। वे इंडियन सुपर लीग में केरला ब्लास्टर्स के मालिक रहे। इसके साथ ही कई सामाजित कार्यों में भी सक्रीय हैं। सचिन ने 1989 में महज 16 साल की उम्र में पाकिस्तान के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की थी।