ललिता बाबर की उम्र 26 वर्ष है और वह महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। उन्होंने खुद को राष्ट्रीय स्तर पर अच्छे से स्थापित किया है और अब वह देश का शान बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तैयार हैं। वह इस वक्त भारत की शीर्ष ऑब्सटेकल रनर हैं। लेकिन ललिता ने साल 2014 में 3000 मीटर के स्टीपलचेज इवेंट में अपनी क्षमता का परिचय दिया था। इसके बाद ललिता ने लगातार तीन बार मुंबई मैराथन भी जीता है। सतारा के सहयाद्री गाँव में पैदा होने ललिता का परिवार का किसान है। इसलिए वह मेहनत से कभी भी पीछे नहीं हटी हैं। ललिता को न सिर्फ आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है, साथ ही उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से लोगों से लड़ना पड़ा क्योंकि उनके आसपास समाज ही ऐसा है। लेकिन इन सबके बावजूद ललिता का अपने खेल के प्रति जूनून कम नहीं हुआ। रिकॉर्ड्स और उपलब्धियां बाबर ने एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता और वह भारत की ऐसी पहली महिला हैं, जिसने वर्ल्ड ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप इवेंट में 9:27.86 का समय निकाला था। इस तरह उन्होंने 7 सेकंड से राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया। हालाँकि वह फाइनल में ये प्रदर्शन दोहराने में कामयाब नहीं हुईं। उन्होंने 9:29.64 का समय निकलते हुए 15 एथलीट में 8वें नम्बर पर आई थीं। पूर्व ओलम्पियन और लॉन्ग जम्पर अंजू बॉबी जार्ज पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने फील्ड इवेंट के लिए क्वालीफाई किया था। बीत 12 महीनों में ललिता ने अपने ही रिकॉर्ड को 3 बार तोड़ा है। जून 2015 में ललिता ने चीन में हुए एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था जहाँ उन्होंने 9:34.13 का समय निकाला था। इस तरह उन्होंने रियो के क्वालीफाई कर लिया था। क्योंकि क्वालीफाई कट ऑफ 9:45.00 था। ग्लासगो कामनवेल्थ खेलों में पिछले साल बाबर ने 9:37.35 का समय निकाला, जहाँ उन्होंने सुधा सिंह के राष्ट्रीय रिकॉर्ड 9:47.70 को ध्वस्त कर दिया था। साथ ही ललिता ने कांस्य पदक भी जीता था। साल 2014 में दक्षिण कोरिया में हुए इन्चियोन खेलों में फाइनल में 9:35.37 का समय निकाल कर एक बार फिर कांस्य पदक अपने नाम किया। भविष्य के गोल अन्य एथलीटों की तरह ललिता का भी लक्ष्य रियो में पदक जीतना है। लेकिन इसके लिए उन्हें 8-10 सेकंड उन्हें कम लेने होंगे। रूस की युलिया ने जब 3000 मीटर स्टीपलचेज में सोना जीता था, तब उसने 9:06.72 का समय निकाला था। इसके बाद सिल्वर और कांस्य जीतने वाली का एथलीट ने क्रमश: 9:08.37 और 9:09.84 का समय निकाला था। एथलीट कमेंटेटर राहुल पवार कहा था, “मैडल जीतने वाले को 9:20 का समय निकालना होगा।” ललिता का अबतक सबसे बेहतरीन प्रदर्शन और राष्ट्रीय रिकॉर्ड 9:27.86 है। वहीं टुनीशियन गर्ल हबीबा घ्रिबी ने 9:05.36 का समय निकालकर विश्व रिकॉर्ड बनाया हुआ है। ये साल 2015 का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। ये बेल्जियम के ब्रसेल्स में हुए डायमंड लीग में बना था। एंग्लियन मैडल हंट द्वारा प्रायोजित इस मध्यम और लम्बी दूरी वाली भारतीय धावक से काफी उम्मीदें हैं।