भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रांची में खेले जा रहे टेस्ट सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में मेजबान टीम के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जमाने वाले कंगारू टीम के बल्लेबाज़ ग्लेन मैक्सवेल ने अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है। उन्होंने अपने शतक को लेकर कहा कि वह इस टेस्ट को अपना आखिरी टेस्ट नहीं बनाना चाहते थे। ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में लगभग दो साल बाद वापसी करने वाले विस्फोटक ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने टीम इंडिया के खिलाफ रांची टेस्ट मैच में जो जुझारू शतकीय पारी खेली वह वाकई में काबिल ए तारीफ है। इतना ही नहीं उन्होंने कंगारू टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए शानदार 191 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी भी निभाई। रांची टेस्ट मैच के दूसरे दिन के खेल की समाप्ति के बाद ग्लेन मैक्सवेल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा "मेरे द्वारा जमाए गए इस शतक से मुझपर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा और में अपने शतक बनाने को लेकर काफी उत्साहित था" मैं अभी तक इसके बारे में सोच रहा हूँ, मेरे लिए यह वाकई में शानदार है, अगर सच कहूं तो यह पल मेरे क्रिकेट करियर का सबसे बेहतरीन पल है": ग्लेन मैक्सवेल इसके बाद उन्होंने कहा "मैंने पहले दिन के खेल की समाप्ति के बाद इस विषय पर पूर्ण रात्री सोच विचार किया, मैंने मैच के अगले दिन अपने शतक जमाने पर ध्यान केन्द्रित किया और मैं इसमें कामयाब हो पाया" आपको बता दें कि इससे पहले मैक्सवेल का टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर 37 रन था। ग्लेन मैक्सवेल 104 रन बनाकर जडेजा की गेंद पर साहा को कैच दे बैठे। उन्होंने 185 गेंदों का सामना कर 9 चौके और 2 छक्के लगाए। मैक्सवेल क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में शतक लगाने वाले ऑस्ट्रेलिया के दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले पूर्व ऑलराउंडर शेन वॉटसन ही ऐसा कारनामा कर सके थे। हालांकि, शतक पूरा करने के कुछ देर के बाद रविंद्र जडेजा ने मैक्सवेल को विकेटकीपर साहा के हाथों कैच कराकर भारतीय टीम को बड़ी सफलता दिलाई, लेकिन कप्तान स्टीव स्मिथ के साथ उन्होंने अपना काम बखूबी अंदाज में कर लिया था। मैक्सवेल और स्मिथ की जोड़ी ने पांचवें विकेट के लिए 191 रन की साझेदारी की थी।