भारतीय महिला शॉटपुटर दीपा मलिक ने रियो पैरालंपिक्स 2016 में इतिहास रच दिया। सोमवार को दीपा ने शॉटपुट के इवेंट में भारत के लिए रजत पदक जीता और इस तरह से भारत के लिए इस पैरालंपिक्स में ये तीसरा पदक हो गया। इससे पहले मरियअप्पन (स्वर्ण) और विकास सिंह भाटी (कांस्य) ने लॉन्ग जंप में भारत के लिए पदक जीते थे। दीपा ने मिले 6 मौक़ों में अपना सर्वोच्च स्कोर 4.61 मीटर रखा। इस इवेंट में स्वर्ण पदक जीता बैहरेन की फ़ातिमा नेधाम ने जिन्होंने 4.76 मीटर दूर गोला फेंका। ग्रीस की दिमित्रा कोरोकीडा को कांस्य पदक हासिल हुआ। दिमित्रा ने 4.28 मीटर के स्कोर के साथ तीसरे नंबर पर रहीं। 45 वर्षीय दो बच्ची की मां दीपा मलिक कमर के नीचे से विकलांग हैं, और एक आर्मी ऑफ़िसर की पत्नी हैं। दीपा की दो बेटियां हैं जिनका नाम अंबिका और देविका है। कोई विश्वास नहीं करेगा लेकिन कमर में ट्यूमर की वजह से पैरालाइज़ होने के बावजूद दीपा ने 14 सालों में शोल्डर ब्लेड्स के बीच 183 टांके लगा चुकी हैं। इतना ही नहीं दीपा की तीन बार स्पाइनल ट्यूमर सर्जरी भी हो चुकी है। दीपा का जज़्बा इसी से समझा जा सकता है कि पैरालाइज़ होने के बाद भी दीपा ने हिमावयन रैली में भाग लिया और 8 दिनों में उन्होंने 1700 किमी माइनस डिग्री तापमान में गुज़ारी। ऑक्सीजन की कमी झेलते हुए भी इस य़ोद्धा ने हिमालय, लेह, जम्मू, शिमला की दुर्गम पहाड़ियों के बीच सफ़र तय किया। दीपा से पहले रियो पैरालंपिक खेलों के दूसरे दिन भारत के लिए ख़ुशख़बरी आई थी, जब रियो डी जेनेरियो के ओलंपिक स्टेडियम में पुरुषों के हाई जंप टी42 फाइनल्स में मरियप्पन थंगवेलू ने देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए स्वर्ण पदक जीता जबकि वरुण सिंह भाटी ने कांस्य पदक हासिल किया था। विजेताओं की सूची है : स्वर्ण पदक – फ़ातिमा नेधाम (बैहरेन) – 4.76 मीटर रजत पदक – दीपा मलिक (भारत) – 4.61 मीटर कांस्य पदक – दिमित्रा कोरोकीडा (भारत) – 4.28 मीटर