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कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के 5 महान रैसलर्स

प्रो-रैसलिंग में हर रैसलर की एक अलग संस्कृति होती है। वह रैसलर जिस जगह बड़ा होता है उसके पास वहां की अलग पहचान और रहन-सहन होता है। रैसलिंग जगत में कई सारे दिग्गज रैसलर्स ने अलग-अलग कंपनी में काम करके नाम कमाया।

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हर रैसलर के लिए उसकी संस्कृति बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण रहती है। प्रो-रैसलिंग में कई सारे सिख रैसलर्स ने अपना जलवा बिखेरा। कुश्ती हमेशा से ही पंजाब से प्रसिद्ध रही है।

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वहां से कई सारे पहलवानों ने देश का नाम भी ऊँचा किया है, लेकिन कुछ सिख रैसलर्स ने कुश्ती की जगह प्रो-रैसलिंग में आना सही समझा। क्योंकि इनमें से कई रैसलर्स कनाडा में रहते थे, उन्होंने बचपन से प्रो-रैसलिंग देखी। हम बात करने वाले हैं 5 सिख रैसलर्स, जो कनाडा में रहते थे।

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#5 पॉल सिंह धालीवाल

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पॉल सिंह धालीवाल शायद पहले भारतीय/सिख रैसलर थे, जिन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स में आकर प्रो-रैसलिंग में हिस्सा लिया। पॉल 1905 में चननवाल, पंजाब से कनाडा चले गए थे। पॉल पंजाब के अपने गांव में काफी ज्यादा प्रसिद्ध थे। पॉल वहां लकड़ियों और फर्नीचर के बिजनेसमैन के यहां काम करते थे, जिसके बाद एक आदमी की उनपर नजर पड़ी। उसने पॉल सिंग धालीवाल को रैसलिंग के ट्रेनिंग दी।

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पॉल पहले से ही देशी कुश्ती आती थी, जिसकी वजह से वह बहुत जल्दी प्रो-रैसलिंग सीख गए। पॉल सिंह धालीवाल ने बहुत लंबे समय तक रैसलिंग की और वह इसमें सफल भी रहे। पॉल का 2014 में निधन हो गया, लेकिन उन्होंने भारतीय/सिख रैसलर्स के लिए प्रो-रैसलिंग में नींव रख दी। उन्हें आज भी उनके शहर में कई सारे लोकल रैसलर्स द्वारा याद किया जाता है।

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#4 गामा सिंह

गामा सिंह का असली नाम गदोवर सिंह सहोटा है। गामा सिंह का परिवार 1963 में भारत से कनाडा चला गया था। उन्हें स्टू हार्ट (ब्रेट हार्ट और ओवेन हार्ट के पिता) ने रैसलिंग सिखाई। उन्होंने अपना नाम ग्रेट गामा (20वीं सदी के प्रसिद्ध भारतीय/पाकिस्तानी पहलवान) के नाम पर रखा।

वह रिंग में पगड़ी पहनकर रैसलिंग किया करते थे। वह भारतीय मूल के पहले रैसलर थे, जिन्होंने WWF में काम किया था। उन्होंने बॉब ऑर्टन (रैंडी ऑर्टन के पिता) और रॉउडी रोडी पाइपर जैसे दिग्गज रैसलर्स के साथ मैच लड़े थे।

उन्होंने स्टैम्पीड रैसलिंग और NWA में कई सारे टाइटल्स जीते। गामा सिंह फिलहाल 61 साल के हैं और अभी रैसलर्स को ट्रेनिंग देते हैं। गामा सिंह ने कई बार इम्पैक्ट रैसलिंग में बतौर मैनेजर के रूप में काम किया है।

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#3 टाइगर जीत सिंह

अगर भारतीय/कैनेडियन रैसलर्स की सूची में टाइगर जीत सिंह का नाम न हो, तो वह सूची अधूरी मानी जाएगी। टाइगर जीत सिंह को हमेशा प्रो-रैसलिंग के दिग्गजों की सूची रखा जाता है। जगजीत हंस (टाइगर जीत सिंह) 1960 में पंजाब से कनाडा आ गए थे और उन्होंने रैसलिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी थी।

उनके रैसलिंग स्टाइल की वजह से उन्हें 'टाइगर' कहा जाने लगा। वह भारतीय मूल के सबसे दिग्गज रैसलर माने जाते हैं। उन्होंने WWWF(विंस मैकमैहन के पिता की कंपनी) में ब्रूनो सैमार्टिनो और आंद्रे द जाइंट जैसे दिग्गज रैसलर्स के साथ मैच लड़े।

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जिसके बाद उन्होंने जापान में जाकर रैसलिंग की। उन्होंने वहां जापान के सबसे बड़े रैसलर एंटोनियो इनोकी के साथ मैच लड़े। उनके यह मैच जापान के रैसलिंग इतिहास के सबसे बड़े मैच थे।

उन्होंने रिक फ्लेयर और वेडर जैसे बड़े रैसलर को एक टैग टीम मैच में हराया। वह आज के सिख रैसलर्स के लिए प्रेरणा है।

#2 टाइगर अली सिंह

टाइगर अली सिंह रैसलिंग लैजेंड टाइगर जीत सिंग के बेटे हैं। उन्हें उनके पिता ने ट्रेनिंग दी, जिसके बाद उन्होंने न्यू जापान प्रो रैसलिंग में काम किया। कुछ ही समय में उन्हें WWF ने साइन कर लिया।

विंस मैकमैहन को उस समय एक ऐसे रैसलर की जरूरत थी, जो भारत में WWF के प्रति रुचि बढ़ाए। उन्होंने WWF में आते ही कुवैत कप टूर्नामेंट जीत लिया। WWF में कई सारे टॉप स्टार्स को हराया, जिसमें मिक फोली, ओवेन हार्ट और अल स्नो का नाम शामिल है।

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उनकी माइक स्किल्स काफी अच्छी थी। उनकी हाइट 6 फुट थी, जो एक दिग्गज रैसलर की होनी चाहिए। लेकिन वह अपनी रैसलिंग स्किल्स के चलते WWF में ज्यादा सफल नहीं हो सके। कुछ समय बाद उन्हें बहुत गंभीर चोट लग गई, जिससे उनका रैसलिंग करियर समाप्त हो गया। वह पहले इंडो/कनेडियन रैसलर थे जिन्होंने WWF के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था।

#1 जिन्दर महल

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पूर्व WWE चैंपियन जिन्दर महल (युवराज सिंह धेसी) भारतीय मूल के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रैसलर हैं। उन्होंने WWE में बतौर राइटर साइन किया था लेकिन बाद में उन्होंने रैसलिंग करना शुरू की।

उन्होंने अपने रैसलिंग करियर की शुरुआत टाइगर राज सिंह के नाम से की क्योंकि वह टाइगर जीत सिंह को अपना आदर्श मानते थे। उन्हें गामा सिंह ने रैसलिंग सिखाई है, उन्हें शुरूआत में WWE के डेवलपमेंटल ब्रांड FCW में भेजा गया। कुछ सालों बाद उन्होंने स्मैकडाउन में डेब्यू किया।

वह ज्यादा लंबे समय तक WWE में टिक नहीं पाए और उन्हें रिलीज़ कर दिया गया। कुछ सालों तक इंडिपेंडेंट रैसलिंग में काम करने के बाद एक बार फिर से उन्हें WWE में साइन किया गया। जिसके बाद उन्होंने रैंडी ऑर्टन को हराकर WWE चैंपियनशिप जीती। सुनील सिंह और समीर सिंह भी कनाडा में ही रहते हैं और वहीं पले-बढ़े हैं।

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Edited by
विजय शर्मा
 
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