कॉमनवेल्थ गोल्ड के साथ सेन ने पाया अपना 'लक्ष्य', पीएम समेत पूरा देश हुआ मुरीद

लक्ष्य ने अपने पहले ही कॉमनवेल्थ खेलों में पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन का गोल्ड जीता है।
लक्ष्य ने अपने पहले ही कॉमनवेल्थ खेलों में पुरुष सिंगल्स बैडमिंटन का गोल्ड जीता है।

लक्ष्य सेन आज की तारीख में देश में बैडमिंटन की नई पीढ़ी का चेहरा हैं। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में सेन ने पुरुष सिंगल्स का गोल्ड मेडल जीता और पहले ही गेम्स में सोने का तमगा अपने नाम कर लिया।

कुछ ही दिनों में 21 साल के होने वाले लक्ष्य ने पिछले एक साल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभर कर जिस तरह अपनी छाप छोड़ी है वो उनके आने वाले भविष्य को उज्ज्वल दिखाती है। लक्ष्य की कॉमनवेल्थ खेलों की उपलब्धि का जश्न पूरा देश मना रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्य की जीत के बाद उन्हें देश का गौरव कहा और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। लक्ष्य ने फाइनल में मलेशिया के नग जे योंग को एक सेट हारने के बाद वापसी करते हुए हराया। लक्ष्य भारत के लिए कॉमनवेल्थ खेलों में पुरुष सिंगल्स का गोल्ड जीतने वाले प्रकाश पादुकोण (1978), सैयद मोदी (1982), परुपल्ली कश्यप (2014) के बाद चौथे भारतीय खिलाड़ी हैं।

16 अगस्त 2001 को पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले में जन्में लक्ष्य के परिवार में बैडमिंटन का ही माहौल है। पिता डीके सेन खुद बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुके हैं और अब कोच भी हैं। उन्होंने ही बेटे को बैडमिंटन से रूबरू करवाया। लक्ष्य के भाई चिराग सेन भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। अब उनका परिवार बेंगलुरु में ही रहता है।

साल 2015 में लक्ष्य को ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट (OGQ) नाम की ओर्गनाइजेशन ने ट्रेनिंग करने के लिए अपने पास बेंगलुरु में बुलाया। OGQ के साथ पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन प्रकाश पादुकोण भी जुड़े हैं जिनकी देखरेख में लक्ष्य ने उनकी अकादमी में ट्रेनिंग प्राप्त की। 2016 में लक्ष्य ने जूनियर एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज प्राप्त किया। 2017 में लक्ष्य BWF की जूनियर रैंकिंग में विश्व नंबर 1 प्लेयर बने। 2018 के यूथ ओलंपिक में लक्ष्य ने सिल्वर मेडल जीता। उसी साल जूनियर विश्व चैंपियनशिप में लक्ष्य ने ब्रॉन्ज हासिल किया।

2019 में लक्ष्य ने बेल्जियन ओपन के रूप में पहला बड़ा खिताब जीता। इसके बाद डच ओपन के रुप में पहला BWF टूर टाइटल अपने नाम किया। 2019 में ही लक्ष्य ने स्कॉटिश ओपन भी जीता। दिसंबर 2021 में लक्ष्य विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमिफाइनल तक पहुंचे और किदाम्बी श्रीकातं से हारे, जिससे उन्हें ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त हुआ। 2022 की शुरुआत में लक्ष्य ने विश्व चैंपियन लोह कीन यू को हराकर इंडिया ओपन जीता। इसके बाद वो ऑल इंग्लैंड ओपन के फाइनल में पहुंचे, हालांकि फाइनल में वो ओलंपिक चैंपियन और वर्ल्ड नंबर 1 विक्टर ऐक्सलसन से हार गए।

लक्ष्य इस साल थॉमस कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। कॉमनवेल्थ खेलों में जाने से पहले ही लक्ष्य को पदक का दावेदार माना जा रहा था, और लक्ष्य ने सीधे गोल्ड पर निशाना साध कर अपने पहले कॉमनवेल्थ गेम्स को यादगार बना दिया।

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