रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का तनाव खेल के मैदान पर भी साफ दिखाई दे रहा है जिसका खामियाजा रूसी ऐथलीटों और खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है। FIFA द्वारा रूस की सभी फुटबॉल टीमों को सस्पेंड करने के बाद अब बैडमिंटन की अंतर्राष्ट्रीय गवर्निंग बॉडी यानि BWF ने सभी प्रतियोगिताओं से रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को बैन कर दिया है। BWF की ओर से 8 मार्च को आयोजित होने वाले जर्मन ओपन में रूसी और बेलारूस के खिलाड़ी भाग नहीं ले पाएंगे। गौरतलब है कि रूस की सेना ने यूक्रेन पर हमला किया है और बेलारूस सरकार की ओर से रूस की मदद की जा रही है। ऐसे में दुनिया के कई देश जहां रूस पर आर्थिक सेंक्शन लगा रहे हैं तो खेल की दुनिया में भी कई गवर्निंग बॉडी रूस के खिलाफ कदम उठा रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति यानी IOC की सलाह के बाद ये कदम उठाया गया है। BWF ने एक दिन पहले ही पहले ही रूस और बेलारूस में होने वाले सभी ईवेंट्स को कैंसिल कर दिया था और अब अन्य देशों में होने वाली प्रतियोगिताओं में भी रूस और बेलारूस के खिलाड़ी भाग नहीं ले पाएंगे। यही नहीं खिलाड़ियों के अलावा इन दो देशों के ऑफिशियल्स भी प्रतियोगिताओं का हिस्सा नहीं बन पाएंगे। BWF ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि स्पेन में होने जा रही पैरा बैडमिंटन खिलाड़ियों की प्रतियोगिता में रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को भाग लेने दिया जाएगा क्योंकि वह पहले ही प्रतियोगिता के लिए पहुंच चुके हैं। हालांकि इस प्रतियोगिता में भी रूस और बेलारूस के राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्रीय गान का प्रयोग नहीं होगा।
तैराकी में भी प्रतिबंध
तैराकी की विश्व गवर्निंग बॉडी FINA ने सोमवार को ऐलान किया था कि रूस के कजान में होने वाली विश्व जूनियर स्विमिंग प्रतियोगिता को कैंसिल किया गया है। FINA ने अब ये घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के तैराक यदि भाग लेते हैं तो उन्हें Neutral खिलाड़ी की तरह भाग लेना होगा, यानी उनके देशों के राष्ट्रीय ध्वज या राष्ट्रगान प्रतियोगिता में नहीं बजेंगे। यही नहीं, साल 2014 में FINA द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दिया गया सम्मान FINA Order भी वापस ले लिया गया है।
खेलों को निशाना बनाने पर बंटे फैंस
अलग-अलग खेल संघों की ओर से रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को बैन करने के कदम पर खेलप्रेमियों के बीच विरोधाभास है। कई फैंस जहां यूक्रेन के हित में इन फैसलों को बता रहे हैं और मान रहे हैं कि इससे रूस को सबक मिलेगा तो कई फैंस का ये भी मानना है कि रूस की सेना की ओर से उठाए गए कदम के लिए रूसी खिलाड़ी या ऑफिशियल्स को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है।
फुटबॉल की गवर्निंग बॉडी FIFA ने एक दिन पहले ही रूस की राष्ट्रीय टीमों और रूसी फुटबॉल क्लबों को अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया जिसकी वजह से कतर में होने वाले विश्वकप क्वालिफिकेशन में रूसी टीम भाग नहीं ले पाएगी। कुछ फैंस का मानना है कि ऐसे में अब अन्य खेलों में भी रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाए जाने से कहीं न कहीं नुकसान खेल और खिलाड़ियों का ही हो रहा है और इससे युद्ध पर कोई असर नहीं पड़ने वाला।