कभी रैकेट पकड़ने को नहीं थे तैयार, अब भारत के नए बैडमिंटन स्टार बनकर उभरे हैं प्रियांशु राजावत

प्रियांशु ने महज 6 साल की उम्र में बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेना शुरु कर दिया था।
प्रियांशु ने महज 6 साल की उम्र में बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेना शुरु कर दिया था।

21 साल के प्रियांशु राजावत भारतीय बैडमिंटन की नई खेप बनकर उभरे हैं। फ्रांस में हुई ओरलींस मास्टर्स प्रतियोगिता के पुरुष सिंगल्स का खिताब जीतकर न सिर्फ प्रियांशु ने अपने करियर का पहला BWF वर्ल्ड टूर खिताब जीता बल्कि इस सीजन देश को अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिताब दिलाने वाले सिंगल्स खिलाड़ी भी बने। प्रियांशु साल 2022 में थॉमस कप जीतने वाली भारतीय पुरुष टीम का भी हिस्सा थे। इस युवा खिलाड़ी की उपलब्धि से सभी काफी खुश हैं, लेकिन खास बात यह है कि एक समय प्रियांशु बैडमिंटन पकड़ना तक नहीं चाहते थे, और अब इस खेल में देश का नाम रौशन कर रहे हैं।

प्रियांशु का परिवार मध्य प्रदेश के धार जिले का रहने वाला है। प्रियांशु के बड़े भाई कुणाल राजावत बैडमिंटन खेलते थे। प्रियांशु की बहन तान्या राजावत टीवी अभिनेत्री हैं। धार में मौजूद राजा देवी सिंह बैडमिंटन हॉल में कुणाल इस खेल की प्रैक्टिस करते थे। प्रियांशु के पिता भूपेंद्र राजावत ने उन्हें भी इस खेल की तरफ जोड़ना चाहा तो प्रियांशु ने साफ मना कर दिया। एक दिन प्रियांशु अपने भाई को प्रैक्टिस करता देखने के लिए पिता के साथ बैडमिंटन कोर्ट पर गए।

वहां महज 6 साल के प्रियांशु दूसरे खिलाड़ियों के खेल को देखकर उनकी कमियां अपने पिता को बताने लगे। ऐसे में उनके पिता को लगा कि शायद नन्हा प्रियांशु बैडमिंटन के खेल की बारीकी समझने लगा है। फिर पिता ने प्रियांशु को मनाया और कुणाल के कोच सुधीर वर्मा से बात कर प्रियांशु को भी बैडमिंटन हॉल में दाखिला दिलवा दिया। सवा छह साल की उम्र में प्रियांशु ने बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेना शुरु किया।

प्रियांशु ने 6 महीने तक धार में ही खेल के शुरुआती गुर सीखे। इसके बाद पुलेला गोपीचंद की ग्वालियर में बनी अकादमी में प्रियांशु को ट्रायल के लिए भेजा गया जहां प्रियांशु का चयन हो गया। फिर तीन साल बाद गोपीचंद ने प्रियांशु को हैदराबाद में बनी अपनी मुख्य अकादमी में बुला लिया। इसके बाद जूनियर लेवल पर प्रियांशु खेलते रहे।

पिछले साल थॉमस कप में जीत के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते प्रियांशु।
पिछले साल थॉमस कप में जीत के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते प्रियांशु।

2019 में सीनियर स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलना प्रियांशु ने शुरु किया। इसी साल उन्होंने बहरीन इंटरनेशनल में खिताब जीता। 2021 में प्रियांशु ने यूक्रेन इंटरनेशनल जीतने में कामयाबी हासिल की। 2022 में प्रियांशु ने इंडिया ओपन के रूप में किसी BWF सुपर सीरीज इवेंट में पहली बार भाग लिया। इसके दो हफ्ते बाद ही वह ओडिशा ओपन सुपर 100 टूर्नामेंट के उपविजेता बने। पिछले साल ओरलींस मास्टर्स में प्रियांशु दूसरे दौर तक पहुंचे और इसके बाद ताइपे ओपन में भी दूसरे दौर में गए।

पिछले साल जब प्रियांशु को मई में होने वाले थॉमस कप के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया तो यह उनके करियर के सबसे बड़े पलों में शुमार हो गया। इसके बाद टीम ने जब खिताब जीता तो बतौर टीम के सबसे युवा खिलाड़ी प्रियांशु को विजेता ट्रॉफी थामने का मौका टीम के सीनियर खिलाड़ियों ने दिया। और अब अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय BWF सुपर ट्रॉफी जीत यह खिलाड़ी देश के टॉप सिंगल्स खिलाड़ियों में अपनी जगह बनाने की कोशिश में एक सफल कदम बढ़ा चुका है।