कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा- वर्ल्‍ड चैंपियन पीवी सिंधू ओलंपिक में मेडल जीतने की दावेदार

पीवी सिंधू
पीवी सिंधू

ओलंपिक साल में मिश्रित शुरूआत के बाद भारतीय बैडमिंटन टीम के प्रमुख कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि पीवी सिंधू टोक्‍यो ओलंपिक्‍स में मेडल जीतने की दावेदार हैं। 2016 रियो ओलंपिक की सिल्‍वर मेडलिस्‍ट पीवी सिंधू की 2021 में शुरूआत अच्‍छी नहीं रही थी। वह दो थाईलैंड ओपन इवेंट्स में क्‍वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ सकीं और बीडब्‍ल्‍यूएफ वर्ल्‍ड टूर फाइनल्‍स के ग्रुप चरण से ही बाहर हो गईं।

25 साल की पीवी सिंधू ने स्विस ओपन के फाइनल और ऑल इंग्‍लैंड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचकर फॉर्म में वापसी की। हालांकि, उतार-चढ़ाव के बाद भी राष्‍ट्रीय कोच गोपीचंद को विश्‍वास है कि पीवी सिंधू टोक्‍यो ओलंपिक्‍स के समय तक अपने चरम फॉर्म में रहेंगी। पुलेला गोपीचंद ने द वीक से बातचीत में कहा, 'ऐसा लगा कि पीवी सिंधू को शुरूआत में थोड़ी जंग लगी है, लेकिन सभी खिलाड़ी 10 महीने के बाद वापसी करके सीधे जीत नहीं पाते। सिंधू कुछ महीनों में अपनी लय में लौट आई हैं।'

पुलेला गोपीचंद ने आगे कहा, 'रियो ओलंपिक्‍स या वर्ल्‍ड चैंपियनशिप्‍स में सिंधू मेडल की पसंद नहीं थी। इस बार टोक्‍यो के लिए सिंधू मेडल की सबसे मजबूत दावेदारों में से एक रहेगी। मुझे भरोसा है कि बड़े इवेंट्स के अनुभव का फायदा उसे जरूर मिलेगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि हमें कई देशों और खिलाड़‍ियों से स्‍पर्धा मिलनी है। यह ओलंपिक्‍स है। काफी कड़ा होगा। पीवी सिंधू इसके लिए तैयार है और उसमें मेडल जीतने की क्षमता है।'

पीवी सिंधू की ट्रेनिंग से खुश हैं गोपीचंद

पीवी सिंधू कुछ समय से दक्षिण कोरियाई कोच पार्क ताए सैंग से ट्रेनिंग ले रही हैं। वह गोपीचंद एकेडमी से बाहर होकर नजदीक में गाचीबाउली स्‍टेडियम में अभ्‍यास कर रही हैं। गोपीचंद का मानना है कि नतीजे जल्‍द ही सामने आएंगे। गोपीचंद ने कहा, 'वह सक्षम कोच है और मुझे पीवी सिंधू की ट्रेनिंग से खुशी है। पार्क ने अपना कार्यक्रम बना रखा है।'

दुनिया अब भी कोविड-19 महामारी से जूझ रही है, और अंतरराष्‍ट्रीय बैडमिंटन पर इसकी गहरी मार पड़ी है। जापान और इंडोनेशिया के शटलर्स ने कुछ टूर्नामेंट्स में शिरकत नहीं की। चीन के शटलर्स का भी अंतरराष्‍ट्रीय टूर्नामेंट में आना बाकी है। मगर इसके बावजूद पुलेला गोपीचंद का मानना है कि इवेंट्स में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़‍ियों की कड़ी परीक्षा हुई। गोपीचंद ने कहा, 'जी हां, चीनी खिलाड़ी अब तक नहीं खेले हैं। मगर मेरे ख्‍याल से भारतीय बैडमिंटन खिलाड़‍ियों को अच्‍छी प्रतिस्‍पर्धा मिली है। मुझे लगता है कि अन्‍य खेलों के समान बैडमिंटन भी जल्‍द ही वापसी के लिए तैयार है। जी हां, कुछ चुनौतियां हैं, लेकिन आगे बढ़ना अच्‍छा है और खिलाड़ी भी इन प्रयासों का समर्थन कर रहे हैं।'