बॉक्सर सागर की जीत के लिए मां ने जलाई थी अखंड ज्योति, सिल्वर के साथ बढ़ाया सम्मान

सागर ने साल 2018 में ही बॉक्सिंग खेलना शुरु किया।
सागर ने साल 2018 में ही बॉक्सिंग खेलना शुरु किया।

बर्मिंघम कॉमनवेल्थ खेलों में पुरुष बॉक्सिंग की सुपर हैवीवेट कैटेगरी का सिल्वर मेडल भारत के सागर अहलावत के नाम रहा। 92 किलो भार वर्ग के फाइनल में सागर को भले ही इंग्लैंड के बॉक्सर डेलिशस ओरी ने हराया, लेकिन सिल्वर के रूप में अपना पहला कॉमनवेल्थ गेम्स मेडल जीता। सागर के इस मेडल के लिए जितनी मेहनत उन्होंने की, उतनी ही दुआएं उनकी मां ने मांगी, जिन्होंने मंदिर में अखंड ज्योति जलाकर बेटे के अच्छे प्रदर्शन की दुआ की थी।

अपने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में मेडल लाने वाले सागर ने 4 साल पहले ही बॉक्सिंग करनी शुरु की। हरियाणा के झज्जर के रहने वाले सागर ने स्कूल के बाद बॉक्सिंग में रुचि दिखाई। आमतौर पर कोई भी खिलाड़ी बचपन में ही खेलों को सीखना शुरु करते हैं। लेकिन सागर के पिता राजेश अहलावत ने बेटे की ललक देखी और बेटे को ट्रेनिंग दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया। साल 2018 में सागर के पिता राजेश अहलावत ने उन्हें पूर्व बॉक्सर हितेश देशवाल से मिलाया जो खुद भी सुपर हैवीवेट कैटेगरी में खेलते थे। सागर ने इन्हीं के पास झज्जर के महर्षि दयानन्द स्टेडियम में बॉक्सिंग करनी शुरु की।

सागर ने बॉक्सिंग शौकिया तौर पर नहीं बल्कि देश के लिए खेलने के लिए शुरु की इसलिए मेहनत भी दोगुनी की। सुबह-शाम बॉक्सिंग सीखने के साथ ही शरीर की मासपेशियों को और मजबूत बनाने के लिए कमर में भारी टायर बांध 10-12 किलोमीटर भी भागते थे। सागर की मेहनत और टैलेंट को कोच ने अच्छे से समझा और सागर की 6 फुट 1 इंच लंबी हाईट देख उन्हें वजन बढ़ाने को कहा ताकि वो सुपर हैवीवेट कैटेगरी में खेल सकें।

सागर ने खुद को बेहतरीन ढंग से तैयार किया और जल्द ही चंडीगढ़ में लोकल चैंपियनशिप जीती।इसके बाद वो दो बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियन बने और खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी गोल्ड जीता। 2021 में सागर को नेशनल कैम्प के लिए बुलावा आ गया। 2022 में कॉमनवेल्थ खेलों के लिए हुए ट्रायल में नेशनल चैंपियन नरेंद्र कुमार को हराया। इसके बाद टोक्यो ओलंपिक में खेलने वाले पहले भारतीय हैवीवेट बॉक्सर सतीश कुमार को भी मात दी।

सागर ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भी सागर ने अपना लोहा मनवाया और फाइनल से पहले की तीनों बाउट 5-0 से एकतरफा तरीके से जीतीं। अपने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में धूम मचाने वाले सागर से देश को आगे के मुकाबलों में काफी उम्मीदे हैं।

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