ओलंपिक आशा मुक्केबाज विकास कृष्ण को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से अमेरिका में ट्रेनिंग करने की स्वीकृति मिल गई है। विकास कृष्ण की वहां की योजना है कि वह पेशेवर सर्किट में भी अपने करियर को दोबारा शुरू करेंगे। साई ने विकास कृष्ण को 30 नवंबर तक अमेरिका में ट्रेनिंग करने की मंजूरी दी है। विकास कृष्ण 69 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। विकास कृष्ण एशियाई और कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं।
एक विज्ञप्ति में कहा गया, 'टार्गेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा विकास कृष्ण को यात्रा के दौरान 17.5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की स्वीकृति दी गई है।' विकास कृष्ण इस सप्ताह के आखिर में अमेरिका जाएंगे। विकास कृष्ण को अपने अमेरिकी कोच रॉन सिम्स जूनियर का साथ मिलेगा और वो 30 नवंबर तक वर्जिनिया में एलेक्सांड्रिया बॉक्सिंग क्लब में ट्रेनिंग करेंगे। इस एक्सपोजर ट्रिप की सिफारिश भारतीय बॉक्सिंग के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सेंटियागो निएवा ने की है।
निएवा ने कहा, 'यह विकास कृष्ण के लिए बहुत अच्छा अनुभव होगा। विकास कृष्ण कई सालों से राष्ट्रीय टीम का हिस्सा हैं और उनके लिए ये समय जाकर कुछ अलग करने के लिए अच्छा है। जब विकास कृष्ण वापस आएंगे तो हम शिविर और विभिन्न टूर्नामेंट्स पर ध्यान लगाएंगे, जो टोक्यो ओलंपिक्स से पहले ओलंपिक स्टाइल में होंगे।' विकास कृष्ण ने अमेरिका में पेशेवर करियर की दोबारा शुरूआत करने की मंशा जाहिर की थी जहां अब तक वो अजेय रहे हैं। विकास कृष्ण ने हॉल ऑफ फेमर बॉब अरुम के टॉप रैंक प्रमोशंस से करार किया है।
विकास कृष्ण को अमेरिका में ट्रेनिंग से ये है उम्मीद
हरियाणा में जन्में मुक्केबाज विकास कृष्ण ने हाल ही में पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें भारत लौटकर अगले साल नेशनल कैंप से जुड़ने से पहले कम से कम तीन पेशेवर फाइट में हिस्सा लेने की उम्मीद है। विकास कृष्ण ने कहा था, 'मैं टॉप रैंक प्रमोशंस के संपर्क में हूं। उन्होंने मेरे लिए फाइट आयोजित कराने का वादा किया है और मुझे उम्मीद है कि ओलंपिक्स से पहले 3-4 बाउट में स्पर्धा कर सकूंगा।' विकास कृष्ण अगले साल टोक्यो में तीसरी बार ओलंपिक्स में हिस्सा लेंगे और वह अब तक क्वालीफाई करने वाले पांच पुरुषों में सबसे अनुभवी हैं।
यह पूछने पर कि ट्रेनिंग वहां कैसी होगी तो 28 साल के विकास कृष्ण ने कहा था, 'मैं वहां तीन महीने के लिए जाउंगा। मेरा लक्ष्य ओलंपिक गोल्ड जीतना है और उसके लिए मैं अपनी जिंदगी खतरे में डालने को तैयार हूं। फ्लाइट अब शुरू हो चुकी हैं और मैं पूरी सावधानी रखकर यात्रा करूंगा ताकि अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान दूं न कि संक्रमित होकर किसी होटल के कमरे या कहीं और क्वारंटीन हूं।'