मौजूदा वक़्त में टीम इंडिया दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम में से एक है। विश्व की कुछ टीम ऐसी हैं जो सिर्फ़ किसी एक फ़ॉर्मेट में अच्छा प्रदर्शन करती है, लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है। टीम इंडिया का दबदबा क्रिकेट के हर फ़ॉर्मेट में है। ऐसा एक दिन में नहीं हुआ है, ऐसी टीम को तैयार करने में कई सालों की मेहनत लगी है। विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम आज एक नई ऊंचाइयों को छू रही है।
कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो टीम इंडिया में लगातार शामिल थे लेकिन युवा खिलाड़ियों के आगमन की वजह से टीम से बाहर हो चुके हैं। कई क्रिकेटर ऐसे हैं जिनकी उम्र करीब 35 के आसपास है। ऐसे में उनके दोबारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की संभावनाएं शून्य के बाराबर हैं। हम ऐसे ही 10 खिलाड़ियों को लेकर चर्चा करेंगे जो शायद टीम इंडिया के लिए किसी भी फ़ॉर्मेट में कभी नहीं खेल पाएंगे।
#10 मनोज तिवारी
जब बंगाल के इस बल्लेबाज़ ने साल 2007-08 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आग़ाज़ किया था, तब उनसे काफ़ी उम्मीदें थे। तिवारी ने अपना पहला शतक चेन्नई में वेस्टइंडीज़ टीम के ख़िलाफ़ बनाया था। इसके अलावा साल 2012 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे मैच में 65 रन की पारी खेली थी। ये उनकी बदकिस्मती रही कि उन्हें टीम इंडिया में उन्हें ज़्यादा मौके नहीं मिले। तिवारी आज किसी भी आईपीएल टीम का हिस्सा नहीं हैं और टीम इंडिया में उनके वापस आने की संभावनाएं शून्य के बराबर हैं।
#9 अशोक डिंडा
अशोक उन भारतीय पेस गेंदबाज़ों में शामिल हैं जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में राज किया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमाल दिखाने में नाकाम रहे। साल 2012-13 में उन्हें कई मौके दिए गए, लेकिन वो उसे भुनाने में असफल रहे। वो डेथ ओवर में अच्छी गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपना आख़िरी वनडे मैच जनवरी 2013 में खेला था। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 13 वनडे और 9 टी-20 मैच खेले हैं।
#8 इरफ़ान पठान
इरफ़ान पठान का करियर उस तरह से आगे नहीं बढ़ पाया जैसा कि उन्होंने उम्मीद की थी। जब वो साल 2003 में टीम इंडिया में शामिल किए गए थे तब उनकी उम्र काफ़ी कम थी। अगले 5 साल तक वो भारतीय क्रिकेट टीम का अहम हिस्सा रहे। लेकिन इसके बाद वो टीम में आते जाते रहे। 23 साल की उम्र के बाद वो एक भी टेस्ट मैच नहीं खेल पाए। उन्होंने 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। अब उनकी टीम इंडिया में वापसी की गुंजाइश न के बराबर है।
#7 यूसुफ़ पठान
यूसुफ पठान गुजरात के एक विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं। वो साल 2007 की आईसीसी वर्ल्ड टी-20 के दौरान टीम इंडिया में शामिल हुए थे। वो आईपीएल 2008 में राजस्थान टीम के सुपरस्टार बनकर उभरे थे। बैंगलौर में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ शानदार शतक लगाने के बाद उन्होंने भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर ली थी। इसके बाद उन्होंने सेंचुरियन में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ शतक लगाया था। साल 2011 के वर्ल्ड कप में ख़राब प्रदर्शन की वजह से वो टीम इंडिया से बाहर हो गए और फिर दोबारा कभी वापस नहीं आए।
#6 आर विनय कुमार
विनय कुमार उन नाकाम पेस गेंदबाज़ों में शामिल हैं जिन्हें टीम इंडिया में 2011-12 के दौरान आज़माया गया था। उनकी गेंदबाज़ी में वो धार नहीं दिखी जिसकी उम्मीद की गई थी। वो महज़ 31 वनडे और 9 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच ही खेल पाए थे। वो रन रोक पाने में नाकाम साबित हुए और टीम इंडिया से बाहर हो गए। चूंकि अब टीम इंडिया में तेज़ गेंदबाज़ों की भरमार है ऐसे में विनय की भारतीय टीम में वापसी असंभव है।
#5 अमित मिश्रा
अमित मिश्रा एक ऐसे लेग स्पिनर हैं जिनको टीम इंडिया में ज़्यादा मौके दिए जाने चाहिए थे। उनकी गुगली कमाल की होती है। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 21 टेस्ट और 36 वनडे मैच खेले हैं। उन्होंने अपना आख़िरी वनडे मैच विशाखापट्टनम में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ खेला था। 2011-2015 के दौरान भारतीय टीम में अश्विन और जडेशा शानदार फ़ॉम में थे ऐसे में मिश्रा की जगह नहीं बन पाई।
#4 स्टुअर्ट बिन्नी
स्टुअर्ट बिन्नी भारतीय टीम में बतौर फ़ास्ट बॉलिंग ऑलराउंर शामिल किए गए थे। उन्हें आईपीएल 2013 में शानदार प्रदर्शन करने का ईनाम मिला था। बिन्नी ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ एक वनडे मैच में 4 रन देकर 6 विकेट हासिल किए थे। इस शानदार गेंदबाज़ी के अलावा उनका कोई ऐसा प्रदर्शन नहीं था जिसे याद किया जा सके। जब हार्दिक पांड्या टीम इंडिया में शामिल हुए तब बिन्नी के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दरवाज़े बंद हो गए।
#3 वरुण एरोन
वरुण एरोन टीम इंडिया के लिए ख़ास खिलाड़ी बन सकते थे, क्योंकि उनकी गेंदबाज़ी औरों से अलग थी। वो 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से लगातार गेंदबाज़ी कर सकते थे लेकिन लगातार चोट की वजह से उनका अंतरराष्ट्रीय करियर संवरने से पहले ख़त्म हो गया। उन्होंने भारत के लिए 9 टेस्ट और 9 वनडे मैच खेले हैं।
#2 हरभजन सिंह
साल 2011 के आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने के बाद हरभजन सिंह लगातार टीम इंडिया से बाहर रहे हैं साल 2015 में उनकी वापसी हुई थी जो आख़िरी साबित हुई। अब ऐसा नहीं लगता कि वो दोबारा भारतीय टीम में कभी वापसी कर पाएंगे। भज्जी की उम्र फ़िलहाल 37 साल है और उनमें विकेट लेने की क्षमता कम होती जा रही है। आजकल वो प्रथम श्रेणी मैच भी नहीं खेल रहे हैं। वो अभी चेन्नई सुपरकिंग्स का हिस्सा हैं।
#1 युवराज सिंह
युवराज सिंह भारत के महानतम क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने अपने प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम को आईसीसी वर्ल्ड टी-20 और आईसीसी वर्ल्ड कप जिताया है। साल 2012 में कैंसर की बीमारी के बाद उनका करियर बुरी तरह प्रभावित हुआ। हांलाकि उन्होंने टीम इंडिया में कई बार वापसी की लेकिन वो ख़ुद को स्थापित नहीं कर पाए। साल 2017 में उन्होंने अपना आख़िरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। साल 2019 के वर्ल्ड कप में उनके खेलने की संभावनाएं भी न के बराबर है।
लेखक- अथर्व आप्टे
अनुवादक- शारिक़ुल होदा