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MATCH | RUNS | BF | 4s | 6s | SR | OVERS | MO | RC | WKTS | ECO | EX |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
IND-L vs SL-L | 60 | 41 | 4 | 4 | 146.34 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
IND-L vs WI-L | 49 | 20 | 1 | 6 | 245.00 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
IND-L vs SA-L | 52 | 22 | 2 | 6 | 236.36 | 3 | 0 | 18 | 2 | 6.00 | 1 |
ENG-L vs IND-L | 22 | 21 | 3 | 0 | 104.76 | 2 | 0 | 21 | 0 | 10.50 | 0 |
BL vs IND-L | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 3 | 0 | 15 | 2 | 5.00 | 1 |
GAME TYPE | M | INN | RUNS | BF | NO | AVG | SR | 100s | 50s | HS | 4s | 6s | CT | ST |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
ODIs | 304 | 278 | 8701 | 9924 | 40 | 36.55 | 87.67 | 14 | 52 | 150 | 908 | 155 | 94 | 0 |
TESTs | 40 | 62 | 1900 | 3277 | 6 | 33.92 | 57.97 | 3 | 11 | 169 | 260 | 22 | 31 | 0 |
T20Is | 58 | 51 | 1177 | 863 | 9 | 28.02 | 136.38 | 0 | 8 | 77 | 77 | 74 | 12 | 0 |
T20s | 231 | 216 | 4857 | 3772 | 27 | 25.69 | 128.76 | 0 | 27 | 83 | 386 | 261 | 53 | 0 |
LISTAs | 423 | 389 | 12663 | 0 | 55 | 37.91 | 19 | 78 | 172 | 0 | 0 | 132 | 0 | |
FIRSTCLASS | 139 | 221 | 8965 | 0 | 18 | 44.16 | 26 | 36 | 260 | 0 | 0 | 118 | 0 |
GAME TYPE | M | INN | OVERS | RUNS | WKTS | AVG | ECO | BEST | 5Ws | 10Ws |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
ODIs | 304 | 161 | 841.2 | 4294 | 111 | 38.68 | 5.10 | 5/31 | 1 | 0 |
TESTs | 40 | 35 | 155.1 | 547 | 9 | 60.77 | 3.52 | 2/20 | 0 | 0 |
T20Is | 58 | 31 | 70.4 | 499 | 28 | 17.82 | 7.06 | 3/17 | 0 | 0 |
T20s | 231 | 130 | 266.1 | 1989 | 80 | 24.86 | 7.47 | 4/29 | 0 | 0 |
LISTAs | 423 | 0 | 1180.3 | 6010 | 166 | 36.20 | 5.09 | 5/31 | 1 | 0 |
FIRSTCLASS | 139 | 0 | 568 | 1978 | 41 | 48.24 | 3.48 | 0 | 1 | 0 |
युवराज सिंह की जीवनी:
युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर, 1981 को पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह के घर हुआ था। अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी, उपयोगी गेंदबाज़ी और ज़बरदस्त फील्डिंग के साथ वह दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक हैं।
क्रिकेट करियर की शुरुआत:
बहुत कम उम्र में ही उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट में प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया था। 13 साल की उम्र में, उन्होंने पंजाब अंडर-16 टीम में और फिर अंडर-19 टीम में प्रवेश किया। साल 1997 में युवराज ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की शुरुआत की।
सबसे पहले वह तब लाइमलाइट में आये जब भारत की अंडर-19 टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 55 गेंदों में 89 रन ठोक डाले। वह 2000 में अंडर-19 विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे और इस विश्व कप में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत युवराज को 'मैन ऑफ द सीरीज़ चुना गया था। उनके बेहतरीन खेल को देखते हुए साल 2000 में उन्हें भारतीय टीम में शामिल होने का मौका मिला।
वापसी:
2001 और 2002 में युवराज को खराब फॉर्म के कारण टीम से बाहर होना पड़ा। लेकिन उसी साल ज़िम्बाब्वे के खिलाफ श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने राष्ट्रीय टीम में वापसी की। 2002 की नेटवेस्ट श्रृंखला के फाइनल में उन्होंने मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी की। युवराज ने 63 गेंदों में 69 रनों की पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई थी।
अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत के तीन साल बाद, 2003 में युवराज ने बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला वनडे शतक लगाया। इसी साल 2003 में उन्हें यॉर्कशायर क्लब ने साइन किया और वह सचिन के बाद काउंटी क्रिकेट खेलने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 2003 में ही टेस्ट क्रिकेट में अपना पर्दापण किया।
ख्याति:
बहुमुखी प्रतिभा के धनी युवराज को 2007 में टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का उपकप्तान नियुक्त किया गया था। इस विश्व कप में उन्होंने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड को एक ओवर में 6 छक्के लगाकर इतिहास रच दिया था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में 30 गेंदों पर 70 रन बनाकर टीम को फाइनल में पहुंचाया था।
अपने आलराउंडर प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने विश्व कप 2011 में 'मैन ऑफ द सीरीज़' का पुरस्कार जीता, इस विश्व कप में युवराज ने 300 रन से ज़्यादा रन बनाए और 15 विकेट लिए थे।उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग के पहले दो सत्रों में किंग्स इलेवन पंजाब का प्रतिनिधित्व किया और बाद में पुणे वॉरियर्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेले।
कठिन दौर:
युवराज के करियर का कठिन दौर विश्व कप 2011 के बाद शुरू हुआ। विश्व कप में युवराज सिंह को अपने कैंसर ग्रसित होने का पता चला था। इसके इलाज के लिए वह अमेरिका गए और ठीक होने के दो साल बाद उन्होंने टीम में वापसी की। लेकिन अपनी गिरती फिटनेस और खराब फॉर्म की वजह से उनके खेल का स्तर पहले जैसा नहीं रहा। सर्जरी के बाद कुछ अच्छी पारियां खेलने के बावजूद युवराज फिटनेस समस्याओं के चलते फिलहाल भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं।
आंकड़ों पर एक नज़र:
उन्होंने भारत की ओर से 304 वनडे मैचों में 36.56 की औसत से 8701 रन बनाए हैं जिनमें 14 शतक और 52 अर्धशतक शामिल हैं। युवराज ने अपना आखिरी वनडे मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ जून, 2017 में खेला था।
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