अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2 एशियाई कप्तान जो काफी चतुर थे

इन कप्तानों ने काफी बेहतरीन दिमाग का इस्तेमाल किया
इन कप्तानों ने काफी बेहतरीन दिमाग का इस्तेमाल किया
महेंद्र सिंह धोनी का नाम इस लिस्ट में होना लाजमी है
महेंद्र सिंह धोनी का नाम इस लिस्ट में होना लाजमी है

क्रिकेट में कोच और कप्तान दोनों अहम होते हैं। एक मैदान के अन्दर टीम की कमान सम्भालता है और दूसरा मैदान के बार कमान संभालता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी ऐसा कई बार देखने को मिला है जब कप्तान और कोच ने मिलकर शानदार कार्य किया हो। कोच की बातों और योजनाओं को क्रिकेट फील्ड पर लागू करने वाला व्यक्ति कप्तान ही होता है। हार या जीत का सेहरा भी कप्तान के सिर पर ही बाँधा जाता है। इस तरह एक कप्तान पर क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ी के साथ लीडर की जिम्मेदारी भी रहती है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सफलतम कप्तान देखे गए हैं। भारतीय टीम या अन्य एशियाई टीमों के खिलाड़ी भी अच्छी कप्तानी करते हुए देखे गए हैं। कुछ मौकों पर टीम के खराब प्रदर्शन के लिए कप्तान जो जिम्मेदार भी ठहराया गया है लेकिन बड़े टूर्नामेंट जीतने पर उस टीम के कप्तान को ही सबसे बड़ा दर्जा मिलता है। उसकी वाहवाही और तारीफों में कसीदे पढ़े जाते हैं। यही क्रिकेट के खेल और इसमें खेलने वाले खिलाड़ियों के की असली पहचान होती है। इस आर्टिकल में वर्ल्ड क्रिकेट में दो चालांक एशियाई कप्तानों का जिक्र किया गया है।

2 चतुर एशियाई क्रिकेट कप्तान

अर्जुन रणतुंगा

रणतुंगा ने भी अपना ख़ासा नाम किया था
रणतुंगा ने भी अपना ख़ासा नाम किया था

एक अच्छा और चतुर कप्तान टीम को बेहतर बना सकता है तथा उससे प्रदर्शन भी निकलवा सकता है। यही गुण अर्जुन रणतुंगा में भी था। टीम के साथ हमेशा खड़े रहने वाले रणतुंगा चतुर कप्तान भी थे। सफेद गेंद क्रिकेट में उनका दिमाग कुछ ज्यादा ही चलता था। सनथ जयसूर्या को टॉप ऑर्डर में प्रमोट करने का निर्णय उनका ही था और आगे चलकर जयसूर्या महान ओपनर बने। इसके अलावा भी सफेद गेंद क्रिकेट में पहले के पंद्रह ओवर और बाद के ओवरों में किन गेंदबाजों को कब लाना आदि चीजें बड़ी चतुराई से रणतुंगा करते थे। यही कारण है कि उनकी कप्तानी में श्रीलंका ने एक वर्ल्ड कप भी जीता।

महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं
महेंद्र सिंह धोनी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं

इस पूर्व भारतीय कप्तान की बात ही अलग है। महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी चतुराई का इस्तेमाल शुरू से ही करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कई मौकों पर ऐसा किया है। 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में युवराज सिंह से पहले खुद बल्लेबाजी के लिए आना और टीम को चैम्पियन बनाना एक ऐसा ही फैसला था। इसके अलावा धोनी डीआरएस लेने या मैदान पर कोई अन्य निर्णय लेने में बड़े चतुर थे। अब आईपीएल में उनकी कप्तानी की चतुराई ही मानिए जिससे उनकी टीम 4 बार चैम्पियन बनी।

Quick Links

Edited by Naveen Sharma
Sportskeeda logo
Close menu
WWE
WWE
NBA
NBA
NFL
NFL
MMA
MMA
Tennis
Tennis
NHL
NHL
Golf
Golf
MLB
MLB
Soccer
Soccer
F1
F1
WNBA
WNBA
More
More
bell-icon Manage notifications