क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में सलामी बल्लेबाजों का काफी अहम रोल होता है। सलामी बल्लेबाज अगर अच्छी शुरुआत टीम को दे देते हैं तो फिर पूरी टीम का एक मोमेंटम सेट हो जाता है और फिर उसके जीतने के आसार भी काफी बढ़ जाते हैं। इसलिए सलामी बल्लेबाजों के ऊपर काफी जिम्मेदारी होती है।
क्रिकेट इतिहास की अगर बात करें तो अब तक कई दिग्गज सलामी बल्लेबाज हुए हैं। सचिन तेंदुलकर, सनथ जयसूर्या, एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन, सौरव गांगुली, ग्रीम स्मिथ, सईद अनवर, सुनील गावस्कर और वीरेंदर सहवाग जैसे दिग्गज सलामी बल्लेबाजों ने अपनी एक अलग छाप छोड़ी है।
किसी भी खिलाड़ी के लिए ओपनिंग बल्लेबाजी के काफी मायने होते हैं। ओपनिंग करने की वजह से बल्लेबाजों के पास रन बनाने के लिए काफी समय होता है। इसी वजह जो बल्लेबाज ओपनर रहे हैं, उनके ज्यादा रन रहे हैं। आज हम आपको उन दो दिग्गज भारतीय बल्लेबाजों के बारे में बताएंगे जिन्हें अगर ओपनिंग का मौका नहीं मिलता तो वे शायद आज इतने बड़े बल्लेबाज ना होते।
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2.रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने जब अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी तब वो 5वें या छठे स्थान पर खेलते थे। वो आमतौर पर एक फिनिशर की भूमिका निभाते थे। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा भारतीय टीम के लिए सलामी बल्लेबाजी नहीं करते थे। उस वक्त गौतम गंभीर और वीरेंदर सहवाग के रूप में टीम के पास बेहतरीन सलामी बल्लेबाज मौजूद थे।
हालांकि 2013 के चैंपियंस ट्रॉफी में एम एस धोनी ने रोहित शर्मा से पारी की शुरुआत कराने का फैसला किया और उनका ये फैसला जबरदस्त मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ। आज रोहित शर्मा दुनिया के सबसे खतरनाक सलामी बल्लेबाज बन चुके हैं। उन्होंने वनडे में 3 दोहरे शतक जड़ दिए हैं और वनडे क्रिकेट की एक पारी में सबसे ज्यादा रन (264 रन) बनाने का रिकॉर्ड उनके नाम है।
रोहित शर्मा ने अभी तक कुल 224 वनडे मुकाबले खेले हैं, जिसकी 217 पारियों में 49.27 की शानदार औसत से 9115 रन बनाए हैं। वो अभी तक 29 शतक और 43 अर्धशतक लगा चुके हैं। कह सकते हैं कि अगर एम एस धोनी ने रोहित शर्मा से ओपनिंग करवाने का फैसला नहीं लिया होता तो आज शायद रोहित शर्मा इतने बड़े बल्लेबाज ना होते।
1.वीरेंदर सहवाग
वीरेंदर सहवाग भी शुरुआत में निचले क्रम में बैटिंग किया करते थे। उन्होंने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। 11 मैचों तक उन्हें मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी की, इसके बाद 12वें मैच में उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलंबो में उन्हें ओपनिंग करने के लिए कहा गया। उन्होंने उस मुकाबले में 54 गेंद पर 33 रन बनाए और भारत वो मैच हार गया। हालांकि इसके 3 मैचों के बाद वीरेंदर सहवाग ने सिर्फ 70 गेंदों पर ताबड़तोड़ शतक लगाकर अपने आपको एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर स्थापित कर लिया।
वीरेंदर सहवाग ने अपने करियर में 104 टेस्ट, 251 वनडे और 19 टी20 मुकाबले खेले। 104 टेस्ट मैचों में वीरेंदर सहवाग ने 49.34 की औसत से 8586 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 2 बार तिहरा शतक जड़ा और 6 दोहरा शतक जड़ा। वहीं वनडे मैचों में सहवाग ने 35.06 की शानदार औसत से 8273 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 100 से ऊपर का रहा। सहवाग ने अपने वनडे करियर में 15 शतक लगाए और वो वनडे इतिहास के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने दोहरा शतक लगाने का कारनामा इस फॉर्मेट में भी किया हुआ है।