टेस्ट क्रिकेट काफी सयंम का खेल होता है। इसमें बल्लेबाज घंटों बल्लेबाजी करते हैं और बड़े-बड़े स्कोर भी बनाते हैं। टेस्ट क्रिकेट में अगर आपको सफल होना है तो उसके लिए धैर्य की काफी आवश्यकता होती है। राहुल द्रविड़, चेतेश्वर पुजारा, जो रूट, स्टीव स्मिथ और केन विलियमसन जैसे खिलाड़ी टेस्ट में इतने सफल इसलिए हैं क्योंकि ये खिलाड़ी काफी एकाग्रता के साथ खेलते हैं और क्रीज पर जमें रहते हैं।
आमतौर पर टेस्ट क्रिकेट में अगर कोई टीम 400 से ज्यादा का स्कोर बना लेती है तो फिर उस टीम का पलड़ा भारी माना जाता है। कई बार टीमों ने 400 रन बनाने के बाद जीत हासिल की है। वहीं अगर किसी टीम ने 500 या उससे ज्यादा का स्कोर बना लिया तो फिर उसकी जीत सुनिश्चित समझी जाती है। 500 रन बनाने के बाद उस टीम को जीत मिलना तय हो जाता है या फिर मुकाबला ड्रॉ रहता है। ऐसा बहुत कम ही होता है कि इतना विशाल स्कोर बनाने के बावजूद किसी टीम को हार का सामना करना पड़ा हो।
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हालांकि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के साथ टेस्ट क्रिकेट में ऐसा हो चुका है और एक बार नहीं 2 बार उनके साथ ऐसा हो चुका है। टेस्ट क्रिकेट में दो ऐसे मौके आए हैं जब ऑस्ट्रेलियाई टीम एक पारी में 500 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद मुकाबला हार गई।
आइए जानते हैं कि वो 2 मैच कौन-कौन से हैं जब कंगारू टीम टेस्ट क्रिकेट में 500 रन बनाकर भी मैच हार गई।
2.ऑस्ट्रेलिया, बनाम इंग्लैंड, सिडनी, दिसम्बर 1884
ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच की पहली पारी में जबरदस्त बल्लेबाजी की और सईद ग्रेगरी के दोहरे शतक की मदद से 586 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। इसके बाद गेंदबाजों ने भी जबरदस्त गेंदबाजी की और इंग्लैंड को 325 रन पर ऑलआउट करके फॉलोऑन के लिए मजबूर कर दिया।
अल्बर्ट वार्ड के शतक की बदौलत इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 437 रन बनाते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 177 रन का लक्ष्य रखा। ये लक्ष्य काफी आसान था और ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट के नुकसान पर 113 रन बना भी लिए थे लेकिन इसके बाद स्पिनर बॉबी पील इस टेस्ट मैच का पूरा पासा ही पलट दिया। उन्होंने जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट चटकाए और ऑस्ट्रेलिया को 10 रन से हार का सामना करना पड़ा।
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