आईपीएल (IP) Lको चौके और छक्कों का टूर्नामेंट ही माना जाता है। बल्लेबाजों के बड़े और लम्बे शॉट देखना दर्शकों को भी काफी अच्छा लगता है। देश-विदेश से हर साल सैकड़ो खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलने के लिए आते हैं और अपने बल्ले का कमाल दिखाकर चले जाते हैं। इसके बाद फैन्स को अगले साल का इन्तजार रहता है और यह चक्र ऐसे ही निरंतर चलता रहता है।
भारतीय सरजमीं से भी कई युवा खिलाड़ी आईपीएल में हर वर्ष खेलते हैं। कई नए खिलाड़ी भी आकर अपना नाम कम जाते हैं। इसके बाद वही खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेलते हैं। टीम इंडिया में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो आईपीएल के रास्ते राष्ट्रीय टीम में आए और अपना नाम कमाया। ऐसे ही विदेशी खिलाड़ी भी आईपीएल में आकर धाकड़ प्रदर्शन कर जाते हैं। इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा लम्बे छक्के जड़ने वाले बल्लेबाजों की ही होती है। इस आर्टिकल में ऑस्ट्रेलिया के तीन बल्लेबाजों का जिक्र किया गया है जो आईपीएल में छक्का नहीं लगा पाए।
माइकल क्लार्क
ऑस्ट्रेलिया के इस बल्लेबाज को आईपीएल 2011 में पुणे वॉरियर्स इंडिया की तरफ से खेलने का मौका मिला था। माइकल क्लार्क ने उस आईपीएल के दौरान कुल 94 गेंद खेली लेकिन एक बार भी गेंद को छह रन के लिए हवाई मार्ग से बाहर नहीं भेज पाए। माइकल क्लार्क इस तरह के बल्लेबाज कभी नहीं रहे कि वह छक्का नहीं लगा सके लेकिन आईपीएल में ऐसा ही हुआ।
माइकल क्लिंजर्स
कोच्चि टस्कर्स केरला की तरफ से क्लिंजर्स को आईपीएल 2011 में खेलने का मौका मिला था। उस सीजन उन्होंने कुल 77 गेंदों का सामना किया लेकिन एक बार भी गेंद को छह रन के लिए बाहर नहीं भेज पाए। ऑस्ट्रेलिया का यह बल्लेबाज छक्का लगाने में सक्षम होने के बाद भी ऐसा करने में नाकाम रहा। उनका यह खेल हैरान करता है।
कैलम फर्ग्युसन
कैलम फर्ग्युसन ने पुणे वॉरियर्स इंडिया के लिए दो सीजन खेले। 2011 और 2012 के सीजन में कैलम फर्ग्युसन को इस टीम से आईपीएल में खेलने का मौका मिला। फर्ग्युसन ने इस दौरान 117 गेंदों का सामना किया और छक्का जड़ने में असमर्थ रहे। आईपीएल में इतनी गेंदों का सामना करने के बाद एक प्रोपर बल्लेबाज के बल्ले से छक्का नहीं आना हैरानी वाली बात है।