क्रिकेट के तीनों प्रारूप में हर तरह के बल्लेबाज देखने को मिलते हैं। कुछ खिलाड़ी ताबड़तोड़ खेलते हैं, तो कई ऐसे भी होते हैं जो धीमी गति से अपनी पारी आगे बढ़ाते हैं। कई खिलाड़ी सिर्फ तकनीक के सहारे ही खेलते रहते हैं और अपनी पारी में अर्धशतक और शतक जड़ते हैं। हर खिलाड़ी की अपनी अलग पहचान उस आक्रामकता या रक्षात्मक शैली से होती है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अलग-अलग मौकों पर कई ऐसे खिलाड़ियों को देखा गया है जो खराब गेंद का इंतजार करते रहते थे और हवा में शॉट खेलने से बचते थे। भले ही पूरी पारी समाप्त हो जाए लेकिन वे गेंद को छह रन के लिए सीमा रेखा से बाहर भेजने में विश्वास नहीं रखते थे। भारत सहित दुनिया में इस तरह के कई खिलाड़ी हुए हैं जिनके बल्ले से छक्का बड़ी मुश्किल से निकलता था। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने करियर में छक्का लगाया ही नहीं। इस आर्टिकल में विश्व क्रिकेट के उन खिलाड़ियों के बारे में बताया गया है जिन्होंने अपने वनडे करियर में कभी छक्का नहीं जड़ा।
डियोन इब्राहिम
जिम्बाब्वे से आने वाले इस खिलाड़ी ने अपने एकदिवसीय करियर में कभी छक्का नहीं लगाया। खास बात यह है कि वनडे के अलावा उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी गेंद को छह रन के लिए सीमा रेखा से बाहर नहीं भेजा। 82 वनडे मैच इस खिलाड़ी ने खेले थे। इसके अलावा अपने करियर में इब्राहिम ने 29 टेस्ट मुकाबले भी खेले थे। वनडे क्रिकेट में उनके नाम एक शतक और चार अर्धशतक है। इसके अलावा टेस्ट में उन्होंने दस अर्धशतक जड़े हैं लेकिन एक बार भी गेंद को दर्शकों तक नहीं पहुंचा पाए। करियर में एक शतक और 14 अर्धशतक जड़ने वाला यह खिलाड़ी दोनों प्रारूप में छक्का नहीं लगा पाया और यह काफी हैरान करने वाली बात है।
थिलान समरवीरा
यह खिलाड़ी श्रीलंका के लिए लगातार रन बनाने वालों में से एक था। टेस्ट करियर में तो उन्होंने अपनी टीम के लिए बेहतरीन कार्य किया था। वनडे करियर में उन्होंने 53 मैच श्रीलंकाई टीम के लिए खेले और दो शतक जड़े लेकिन छक्का एक बार भी नहीं लगा पाए। एक छक्का लगाने के लिए 53 मैच काफी होते हैं। आजकल 4 वनडे खेलने वाला खिलाड़ी भी छक्का जड़ने में सफल रहता है।
मनोज प्रभाकर
मनोज प्रभाकर बतौर ऑल राउंडर भारतीय टीम के लिए खेलते थे। 12 वर्ष के करियर में उन्होंने 130 वनडे मैचों में भारत के लिए शिरकत की। दो शतक और 11 अर्धशतक जड़ने के बाद भी वे अपने एकदिवसीय करियर में एक बार भी छक्का नहीं जड़ पाए। इतने मैच खेलकर एक बार भी छक्का नहीं लगा पाना काफी हैरान करने वाली बात है।