इंडियन प्रीमियर लीग में भारतीय कप्तान विराट कोहली की अगुवाई वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को टूर्नामेंट की सबसे मजबूत टीमों से एक माना जाता है। इस टीम ने कई भारतीय युवा स्टार तैयार किए हैं।
मौजूदा सीजन में बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज देवदत्त पडीक्कल इस सीजन की सबसे बड़ी खोज कहे जा रहे हैं। हालांकि इसके पीछे कप्तान विराट कोहली का बड़ा हाथ रहा है, जिन्होंने पार्थिव पटेल जैसे अनुभवी बल्लेबाज को बेंच पर बैठा कर युवा खिलाड़ी को पारी का आगाज करने का मौका दिया। मौके का पूरा फायदा उठाते हुए देवदत्त ने चार मैचों में से दो मैचों में बेहतरीन अर्धशतक लगाकर अपने हुनर का परिचय दिया। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का ये खिलाड़ी भारतीय टीम में दस्तक दे सकता है।
हालांकि कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे, जिनका अंतरराष्ट्रीय करियर तो शानदार रहा लेकिन बैंगलोर के लिए खेलते वक्त उनका प्रदर्शन फीका पड़ गया।
आइए जानते हैं ऐसे ही तीन खिलाड़ियों के बारे में:-
#3 ब्रेंडन मैकलम
इंडियन प्रीमियर लीग में पहला शतक लगाने वाले न्यूजीलैंड के इस खिलाड़ी को भला कौन भूल सकता है। उन्होंने आईपीएल के उद्घाटन सीजन के पहले मैच में तूफानी शतक (158* रन) जड़कर कोलकाता नाइट राइडर्स को बेहतरीन जीत दिलाई थी। हालांकि बहुत कम लोग जानते होंगे कि न्यूजीलैंड का ये धुरंधर बल्लेबाज रॉयल चैलेंजर बैंगलोर के लिए भी खेल चुका है।
RCB में ब्रेंडन मैकलम ने उस सफलता का अनुभव नहीं मिला जो उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) या गुजरात लायंस में हासिल की थी। आक्रामक ओपनर ने 28 मैचों में एमएस धोनी की चेन्नई के लिए 841 रन बनाए थे। लेकिन आरसीबी में उन्होंने 21.17 की औसत से 6 पारियों में केवल 127 रन बनाए।
हालांकि मैकलम को जब आरसीबी ने अपनी टीम में शामिल किया तो वह अपने करियर के अंतिम चरण में थे। लेकिन हैरान करने वाली बात यह थी कि 3.6 करोड़ रुपए जैसी भारी भरकम बोली में खरीदे जाने के बावजूद मैकलम आरसीबी की नियमित प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे।
#2 एल्बी मोर्कल
एल्बी मोर्कल सीएसके के अब तक के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक हैं जिन्होंने 6 वर्षों तक पीली जर्सी में खेला । इस दौरान उन्होंने 78 मैचों में 144.83 की स्ट्राइक रेट से 827 रन बनाए और 76 विकेट भी लिए। जब उन्होंने 2014 के आईपीएल से पहले नीलामी में प्रवेश किया, तो आरसीबी ने 2.6 करोड़ रुपये खर्च कर इस ऑलराउंडर को अपनी टीम में शामिल किया। उम्मीद की जा रही थी कि वह बतौर तेज़ गेंदबाज बैंगलोर की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका के इस खिलाड़ी ने बेहतरीन आउट-स्विंग गेंदबाजी और निचले क्रम पर दमदार स्ट्रोक्स के दम पर सीएसके के लिए कई मैच जीते थे। लेकिन मोर्कल ने आईपीएल में आरसीबी के लिए केवल 7 मैच खेले और गेंद के साथ 4 विकेट लेकर 45 रन बनाए।
इसके बाद आरसीबी को मोर्कल के जैसा बेहतरीन ऑलराउंडर कभी नहीं मिला। टीम ने उनकी कमी को पूरा करने के लिए कॉलिन डी ग्रैंडहोम और शिवम दुबे पर दांव खेला। जो इस भूमिका में आरसीबी के लिए कभी सफल नहीं हुए।
#1 शेन वॉटसन
इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर शेन वॉटसन से बेहतरीन उदाहरण नहीं हो सकता। T20 क्रिकेट के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार शेन वॉटसन ने जब आरसीबी का दामन थामा, तो उनका प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। 2016 की नीलामी में 9.5 करोड़ रुपए में खरीदे गए शेन वॉटसन गेंद से संतोषजनक प्रदर्शन करते हुए 20 विकेट चटकाने में सफल रहे, लेकिन बल्ले से कुछ खास नहीं कर पाए।
2017 के आईपीएल में, ऑस्ट्रेलियाई ऑलारांउडर ने केवल 67 रन बनाए और 5 विकेट लिए। यह अब तक के आईपीएल इतिहास में उनका सबसे खराब बल्लेबाजी और गेंदबाजी औसत था।
अगले सीजन चेन्नई सुपर किंग्स से जुड़ते ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी ने कमाल कर दिया। उन्होंने चेन्नई को उसका तीसरा खिताब दिलाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई । 2018 आईपीएल के फाइनल में शेन वॉटसन ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 57 गेंदों में बेहतरीन शतक जड़ते हुए 117 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली। वहीं 2019 के फाइनल मुकाबले में शेन वॉटसन चेन्नई को किताब दिलाते-दिलाते रह गए। लेकिन इस मैच में भी उन्होंने 80 रनों की बेमिसाल पारी खेली थी।