सचिन तेंदुलकर ने अपनी मेहनत और समपर्ण से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महान खिलाड़ी का दर्जा प्राप्त किया। अपनी बल्लेबाजी से सचिन तेंदुलकर टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। इतना ही नहीं, दोनों प्रारूप को मिलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक जड़ने वाले सचिन तेंदुलकर इकलौते बल्लेबाज हैं। शांत स्वभाव वाले सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान भी कहा गया। उनकी धाकड़ बल्लेबाजी और फील्डिंग के अलावा गेंदबाजी के भी कई बार चर्चे रहे हैं। सचिन तेंदुलकर ने कई बार क्रीज पर टिके हुए विपक्षी बल्लेबाज का विकेट झटका है।
सचिन तेंदुलकर का नाम आते ही हर व्यक्ति उनकी बल्लेबाजी को याद करता है लेकिन उनके गेंदबाजी कौशल में भी तगड़ा दम था। टेस्ट, वनडे और टी20 क्रिकेट में उनके नाम 201 विकेट दर्ज हैं। कई बार सचिन तेंदुलकर ने अपनी गेंदबाजी से भी टीम को जीत की दहलीज तक पहुँचाया है। कम ही लोग इसके बारे में जानते या याद रखते हैं। उन्होंने लगातार गेंदबाजी नहीं की अन्यथा कई रिकॉर्ड वे गेंदबाजी में भी बना सकते थे। इन सभी गुणों के कारण ही उन्हें इस खेल का भगवान माना जाने लगा। संन्यास के बाद भी उन्हें दर्शक आज भी याद करते हैं तथा एक झलक पाने के लिए उत्सुक रहते हैं। इस आर्टिकल में सचिन तेंदुलकर की वनडे गेंदबाजी के वो रिकॉर्ड बताए गए हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
सचिन तेंदुलकर के 3 गेंदबाजी रिकॉर्ड
वनडे विकेट लेने वाले सबसे युवा भारतीय
सचिन तेंदुलकर ने 17 वर्ष और 224 दिन में अपना पहला वनडे विकेट झटका था। ऐसा करने वाले वे सबसे कम उम्र के भारतीय गेंदबाज हैं। श्रीलंका के रोशन महानामा को सचिन तेंदुलकर ने आउट कर अपना पहला वनडे विकेट हासिल किया था। 5 दिसम्बर 1990 को सचिन तेंदुलकर ने यह विकेट हासिल किया था। उस मैच में उन्होंने 41 गेंद पर 53 रन भी बनाए थे।
अंतिम ओवर में दो बार 6 रन या उससे कम बचाए
वनडे मैच के अंतिम ओवर में छह रन बचाने वाले सचिन तेंदुलकर एकलौते गेंदबाज हैं। दो बार उन्होंने छह या उससे कम रन पर विपक्षी टीम को मुश्किल में डाला और रन नहीं बनने दिए। 1993 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छह रन बचाए। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने अंतिम ओवर में पहली गेंद पर आखिरी विकेट चटकाकर ऐसा कारनामा दूसरी बार किया था।
एशिया कप के एक संस्करण में सबसे ज्यादा विकेट वाले भारतीय स्पिनर
सचिन तेंदुलकर ने 2004 के एशिया कप में कुल बारह विकेट चटकाए थे। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय स्पिनर और दूसरे गेंदबाज हैं। पहले गेंदबाज इरफ़ान पठान हैं। छह मैचों में सचिन तेंदुलकर ने 12 विकेट झटके। पांच पारियों में उन्होंने हर बार कम से कम एक विकेट जरुर झटका। इसके अलावा उस एशिया कप में उन्होंने 281 रन भी बनाए थे।