बायो बबल में रहते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कल्पना शायद किसी ने नहीं की होगी। बायो बबल के बारे में कोरोना वायरस के बाद ही कई लोगों ने सुना होगा और इसके लिए इंटरनेट पर भी पढ़ा होगा कि वास्तव में यह होता क्या है। धीरे धीरे लोगों और खिलाड़ियों को चीजें समझ में आई और बायो बबल में सीरीज होने लगी। भारतीय जमीन पर पहली बार बायो बबल में अंतरराष्ट्रीय सीरीज इंग्लैंड की टीम के आने पर होगी। इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आकर हर प्रारूप में खेलेगी। शुरुआत टेस्ट सीरीज से होगी और टी20 और वनडे सीरीज के साथ खत्म हो जाएगी।
ऑस्ट्रेलिया से लौटकर आने के बाद भारतीय टीम को कुछ समय के लिए बायो बबल से राहत जरुर मिली है लेकिन जल्दी ही टीम क्वारंटीन होगी और एक बार फिर से बायो बबल का सिलसिला शुरू हो जाएगा। कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए बीसीसीआई ने सुरक्षा मानक अपनाए हैं। उनमें से एक स्टेडियम का चयन भी है। सुरक्षा दृष्टिकोण से भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज में ज्यादा स्टेडियम इस्तेमाल नहीं किये जाएंगे। हर प्रारूप को मिलकर कुल 12 मुकाबले खेले जाएंगे लेकिन इनके लिए तीन ही स्टेडियम निर्धारित किये गए हैं। इन स्टेडियमों के बारे में यहाँ बताया गया है।
एमए चिदम्बरम स्टेडियम, चेन्नई
इस स्टेडियम पर भारत और इंग्लैंड के बीच शुरुआती दो टेस्ट मुकाबले खेले जाएंगे। पहला टेस्ट 5 फरवरी और दूसरा टेस्ट मैच 13 फरवरी से शुरू होगा। यह स्टेडियम ईडन गार्डंस के बाद देश का दूसरा सबसे पुराना स्टेडियम है जिसकी स्थापना 1916 में हुई थी। दर्शक क्षमता की बात करें तो यहाँ 50 हजार दर्शक बैठकर मैच देख सकते हैं लेकिन कोरोना वायरस के कारण यहाँ दर्शकों को आने की अनुमति नहीं दी गई है। चेन्नई में स्थित एमए चिदम्बरम स्टेडियम तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अंतर्गत आता है।