भारतीय क्रिकेट टीम ने पिछले कुछ सालों से फिटनेस के मायने ही बदल दिए हैं। इस टीम में लगभग हर खिलाड़ी काफी फिट और तरोताजा नजर आता है। इसके पीछे भारतीय क्रिकेट टीम के ट्रेनरों का भी बड़ा योगदान माना जा सकता है। क्रिकेट में आज किसी भी स्तर में खेलने के लिए फिटनेस को एक बड़ा पैमाना माना जाता है। ज्यादा फिट खिलाड़ी अगर घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन अच्छा करता है, तो उसके टीम में आने के भी मौके उतने ही बढ़ जाते हैं।
भारतीय टीम में विराट कोहली से लेकर हार्दिक पांड्या, उमेश यादव, जसप्रीत बुमराह आदि खिलाड़ियों को ख़ासा फिट माना जाता है। कई बार खिलाड़ी चोटिल होकर वापसी करता है तब भी उसे फिटनेस टेस्ट (यो-यो) से गुजरना होता है। सॉफ्टवेयर आधारित यो-यो टेस्ट में खिलाड़ी बीस मीटर की दूरी पर एक से दूसरे छोर पर बीप की आवाज के साथ भागता है। तीन बीप के बाद दौड़ना बंद कर देना होता है। स्कोर सॉफ्टवेयर बता देता है। भारत में यो-यो टेस्ट के लिए 16.1 अंक लाना जरूरी है।
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भारतीय क्रिकेट में टॉप यो-यो टेस्ट वाले खिलाड़ी
मयंक डागर- हालांकि इस खिलाड़ी ने भारतीय टीम के लिए कभी नहीं खेला है इसलिए नाम भी कम सुना होगा। अंडर 19 टीम में ये बतौर स्पिनर खेल चुके हैं। घरेलू क्रिकेट में इनकी टीम हिमाचल प्रदेश है और आईपीएल में मयंक इनका यो-यो टेस्ट स्कोर 19.3 है।
मनीष पांडे- इस खिलाड़ी ने अपने खेल और फिटनेस से अलग ही छाप छोड़ी है। फिटनेस के कारण ही वे टेनिस खिलाड़ियों की तरह शॉट लगाने में माहिर हैं। इसके अलावा इनकी फील्डिंग में भी फिटनेस झलकती है। मनीष पांडे भारतीय टीम के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। उनका स्कोर 19.2 है जो भारतीय मानकों के हिसाब से बेहतरीन कहा जाना जा सकता है।
विराट कोहली- भारतीय कप्तान विराट कोहली विश्व भर में फिटनेस के लिए एक आदर्श के रूप में देखे जाते हैं। फिट रहने के लिए उन्होंने मांसाहार भी छोड़ दिया था। उनका यो-यो टेस्ट स्कोर 19.1 है। हालांकि मनीष पांडे से कम है लेकिन यह स्कोर किसी भी मायने में खराब नहीं कहा जा सकता है।