विराट कोहली (Virat Kohli) का जन्म 5 नवंबर, 1988 को दिल्ली में हुआ था। दिल्ली की सड़कों पर खेलते हुए क्रिकेट की तरफ उनकी रूचि विकसित हुई। उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट अकादमी में दाखिल करवाया जहां कोच राजकुमार शर्मा ने उन्हें प्रशिक्षित किया।
विराट ने पॉली उमरीगर और विजय मर्चेंट टूर्नामेंट में खेलने के बाद दिल्ली की प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीम में जगह बनाई और बाद में उन्हें भारत की अंडर-19 टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला। उन्होंने लालचंद राजपूत के कोच रहते हुए इंग्लैंड और पाकिस्तान का दौरा किया जहां उनकी बल्लेबाज़ी की खूब तारीफ हुई। कोहली हमेशा प्रत्येक टूर्नामेंट के दूसरे उच्चतम रन स्कोरर रहे।
भारत की अंडर-19 टीम के लिए चुने जाने के सिर्फ चार महीने बाद, कोहली को रणजी ट्रॉफी में खेलने का अवसर मिला। अपने पिता की मृत्यु के अगले ही दिन 90 रनों की अविश्वसनीय पारी खेलकर कोहली ने क्रिकेट बिरादरी से बहुत सम्मान अर्जित किया। 2008 में खेले गए आईसीसी अंडर-19 विश्वकप में उन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को विश्व विजेता बनाया।
सीमित ओवरों में सलामी बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की अनुपस्थिति के कारण उन्हें राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका मिला। कोहली ने 18 अगस्त 2008 को भारतीय टीम की ओर से अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पदार्पण किया। अपने करियर के शुरुआती दौर उन्हें काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा।
लेकिन खराब फॉर्म के बावजूद, उन्हें अपनी बेजोड़ तकनीक की वजह से टीम में कायम रखा गया। साल 2011 में वह बल्लेबाज़ों की वनडे रैंकिंग में दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे।
इसी साल उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भी पर्दापण किया।जब सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया, तो विराट कोहली उनके उत्तराधिकारी के तौर पर ख्याति प्राप्त कर चुके थे।
2014 में एमएस धोनी के टेस्ट कप्तान का पद छोड़ने के बाद विराट कोहली को इस प्रारूप में भारत का कप्तान बनाया गया। उन्होंने अपनी कप्तानी की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की थी। इसके बाद 2017 में उन्हें वनडे और टी-20 प्रारूपों में भी भारतीय टीम की कमान सौंपी गई।
अभी तक विराट कोहली भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे हैं। उनकी कप्तानी में भारत का टेस्ट क्रिकेट में जीत प्रतिशत 62.5 और वनडे में 78.57 रहा है। एशिया के बाहर, उनका सबसे सफल प्रदर्शन 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में रहा, जब उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुँचाया था।
इसके अलावा उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम टेस्ट और एकदिवसीय रैंकिंग में नंबर 1 बनी, आपको बता दें ऐसा करने वाले वह एकमात्र भारतीय कप्तान हैं।