3 भारतीय बल्लेबाज जो निचले क्रम से टीम में ओपनर बने

इन भारतीयों ने नीचे खेलते हुए शुरुआत की थी
इन भारतीयों ने नीचे खेलते हुए शुरुआत की थी
वीरेंदर सहवाग किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं
वीरेंदर सहवाग किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं

भारतीय टीम ने वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने के बाद दिनों दिन बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया है। अंतरराष्ट्रीय वनडे में आने के एक दशक बाद भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीता। इसके अलावा भारतीय टीम ने चैम्पियंस ट्रॉफी जीती। एक बार फिर वर्ल्ड कप जीता। भारतीय टीम की इस सफलता के पीछे भी दिग्गज खिलाड़ियों का ही हाथ था। एक बार भारतीय टीम चैम्पियंस ट्रॉफी में श्रीलंका के साथ संयुक्त विजेता भी रही है। महान खिलाड़ी अपनी टीम को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन उन्हें उचित समय पर बड़ा मौका मिलना जरूरी होता है।

भारतीय टीम में कई ऐसे दिग्गज खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने के बाद नीचे या मध्यक्रम में बल्लेबाजी शुरू की लेकिन बाद में धुआंधार ओपनर बन गए। उन्होंने शुरुआत किसी और क्रम पर खेलने से की मगर आगे चलकर नियमित ओपनर बल्लेबाज बन गए। ऐसे खिलाड़ियों ने मौकों का फायदा उठाते हुए अपनी जगह खुद बनाई और महान खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए। इस आर्टिकल में कुछ ऐसे ही तीन खिलाड़ियों का जिक्र किया गया है जो डेब्यू मैच में नीचे बल्लेबाजी करने आए थे तथा आगे चलकर महान ओपनर बल्लेबाज बन गए।

भारतीय टीम में नीचे खेलकर ओपनर करने वाले बल्लेबाज

सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर ने बतौर ओपनर कई धाकड़ पारियां खेली
सचिन तेंदुलकर ने बतौर ओपनर कई धाकड़ पारियां खेली

सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ गुजरांवाला में डेब्यू किया था। इस मैच में उन्हें पांचवें स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा गया था। तेंदुलकर इसमें कुछ ख़ास नहीं कर पाए और जीरो रन पर वापस पवेलियन लौट आए। इसके बाद करियर में चार साल से ज्यादा समय तक मध्यक्रम में खेलने के बाद तेंदुलकर ने बतौर ओपनर भारतीय टीम के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच खेला। इसमें उन्होंने 49 गेंद में ताबड़तोड़ 82 रन बनाए और आगे चलकर इस खेल के महानतम खिलाड़ी बने।

वीरेंदर सहवाग

वीरेंदर सहवाग अपनी आक्रामकता के लिए जाने जाते थे
वीरेंदर सहवाग अपनी आक्रामकता के लिए जाने जाते थे

भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग पहले एक गेंदबाज के रूप में ज्यादा जाने जाते थे। उन्हें अंत में हिटिंग के लिए रखते थे। पाकिस्तान के खिलाफ 1999 में वीरेंदर सहवाग ने पहला वनडे खेला। इस मैच में उन्हें सातवें नम्बर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। सहवाग ने 2 गेंद पर एक रन बनाया और शोएब अख्तर की गेंद पर आउट हुए। 11 मैचों में नीचे खेलने के बाद उन्हें बारहवें मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ बतौर ओपनर खेलने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने अपने करियर में जो प्राप्त किया है वह सब जानते हैं।

रोहित शर्मा

रोहित शर्मा ने वनडे में तीन दोहरे शतक भी लगाए हैं
रोहित शर्मा ने वनडे में तीन दोहरे शतक भी लगाए हैं

रोहित शर्मा का डेब्यू मैच 2007 में आयरलैंड के खिलाफ था लेकिन वहां उनकी बल्लेबाजी नहीं आई। यह त्रिकोणीय सीरीज थी और अगला मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था। इस मैच में रोहित शर्मा सातवें नम्बर पर गए और 8 रन बनाकर लौटे। इसके बाद कुछ साल वे निचले क्रम पर खेला। 2011 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उन्हें धोनी ने ओपन कराया। वहां ज्यादा सफलता नहीं मिलने के बाद उन्हें घरेलू सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ भी ओपन कराया और इस बार रोहित शर्मा सफल रहे। उस साल बतौर ओपनर उन्होंने 16 पारियों में 580 रन बनाए। आज रोहित शर्मा भारत के लिए तीनों प्रारूप में बतौर ओपनर खेलते हैं और विश्व क्रिकेट में बड़ा नाम है।

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