भारतीय टीम में बल्लेबाजों की खेप आती रही है और वर्ल्ड क्रिकेट में खिलाड़ियों का अच्छा नाम भी रहा है। गेंदबाजी में भारत के पास हमेशा से कमी देखी गई है। हालांकि कुछ गेंदबाज ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने अपने खेल से प्रभावित किया। भारत से बाहर भारतीय गेंदबाजी थोड़ी मुश्किल रही है और यह कई मौकों पर दिखा भी है। इस समय भारतीय टीम के पास धाकड़ तेज गेंदबाज मौजूद हैं। इनमें जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी के अलावा उमेश यादव का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
पहले भी भारतीय टीम में कुछ बेहतरीन गेंदबाज दिखे हैं। जहीर खान और अजित अगरकर उनमें प्रमुख रहे हैं। कई प्रतिभाशाली गेंदबाज भी टीम इंडिया में आए लेकिन उन्हें ज्याद अमुक नहीं मिला। इन खिलाड़ियों ने अपने खेल से प्रभावित जरुर किया था लेकिन अचानक टीम से बाहर होने के बाद उनकी वापसी नहीं हो पाई। जब ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आए थे तब इनका नाम था और गेंदबाजी भी उसके अनुरूप ही थी लेकिन समय आने के साथ प्रदर्शन पर थोड़ा असर पड़ा और वे बाहर हो गए। ऐसे ही तीन गेंदबाजों की चर्चा यहाँ की गई है जिनका वनडे करियर अचानक खत्म हो गया।
भारतीय टीम के 3 गेंदबाज जिनका करियर अचानक खत्म हुआ
प्रवीण कुमार
प्रवीण कुमार जब भारतीय टीम में आए थे तब स्विंग से उन्होंने सुर्खियाँ बटोरी थी। उनकी गेंदों पर रन बनाना बल्लेबाजों के लिए मुश्किल था। उन्होंने आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से खेलते हुए एक बार हैट्रिक भी ली थी। 2012 के एशिया कप में प्रदर्शन खराब होने के बाद उन्हें टीम से बाहर किया गया और वे वापस नहीं आए। कुमार ने संन्यास ले लिया है। 68 वनडे में उन्होंने 77 विकेट चटकाए।
मुनाफ पटेल
इस गेंदबाज ने अपना डेब्यू 2006 में मोहाली टेस्ट के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ किया था। तेज गेंद फेंकने के चर्चे उनके डेब्यू से पहले किये जाते थे लेकिन बाद में वे सिर्फ लाइन और लेंग्थ पर ध्यान देते थे। 2011 वर्ल्ड कप में खेलने के बाद इंग्लैंड दौरे पर खराब प्रदर्शन की वजह से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। फिर मुनाफ वापस नहीं आए। 70 वनडे में उनके नाम 86 विकेट हैं।
इरफ़ान पठान
इरफ़ान पठान के बारे में लोगों ने उस समय सुना जब उन्होंने 2003 की रणजी ट्रॉफी में धारदार गेंदबाजी की। इसके बाद उन्होंने 2006 में पाकिस्तान दौरे पर कराची टेस्ट में हैट्रिक ली। 2007 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में तीन विकेट के लिए उन्हें मैन ऑफ़ द मैच चुना गया। अंतिम वनडे में श्रीलंका के खिलाफ पांच विकेट लेने के बाद भी उन्हें टीम में वापस जगह नहीं मिली। पठान ने 120 वनडे में 173 विकेट झटके।