अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खिलाड़ी एक निश्चित समय तक अपने कौशल का प्रदर्शन करता है और संन्यास लेकर चला जाता है। क्रिकेट में यही होता है। कोई पहले संन्यास लेता है और कुछ खिलाड़ी लम्बा खेलने के बाद संन्यास लेकर चले जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का यही नियम है। पुराने खिलाड़ियों के जाने के बाद नए खिलाड़ी मैदान में आते हैं। इस तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह चक्र चलता रहता है और खिलाड़ी आते-जाते रहते हैं।
कुछ खिलाड़ी क्रिकेट को ही अपना पेशा बनाते हुए संन्यास लेने के बाद भी इससे जुड़े रहना चाहते हैं। वे एकेडमी, कोचिंग, कमेंट्री आदि के माध्यम से खेल से जुड़े रहते हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो क्रिकेट में बेहतरीन खेलने के अलावा वक्ता भी काफी बेहतर होते हैं। रवि शास्त्री उनमें से एक नाम है। उनकी तरह कई और खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हुए हैं जिन्होंने क्रिकेट के बाद कमेंट्री में हाथ आजमाया और सफल रहे। इस आर्टिकल में भारतीय टीम के तीन ऐसे खिलाड़ियों का जिक्र किया गया है जो आगे चलकर कमेंटेटर बन सकते हैं।
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3 भारतीय जो आगे चलकर बन सकते हैं क्रिकेट कमेंटेटर
रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन के पास खेल की समझ के अलावा विश्लेषण भी अच्छा है। इतने लम्बे समय से खेलते हुए उन्हें क्रिकेट की हर बारीकी का पता है। अश्वीं संन्यास के बाद इंग्लिश कमेंटेटर की भूमिका बखूबी निभा सकते हैं क्योंकि वह अच्छा बोलते भी हैं। अश्विन में एक कमेंटेटर बनने के सभी गुण मौजूद हैं और आगे चलकर अगर उन्हें माइक पकड़े देखा जाए, तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए।
दिनेश कार्तिक
दिनेश कार्तिक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 16 साल पहले डेब्यू किया था। उन्होंने भी खेल को बारीकी से देखा है और हर प्रारूप में खेले हैं। घरेलू क्रिकेट की समझ भी उन्हें हैं। कार्तिक भी अच्छा बोलते हैं और इंग्लिश में कमेंटेटर की भूमिका में नजर आ सकते हैं। उनमें कमेंटेटर बनने के सभी गुण मौजूद हैं।