विश्व कप अब कुछ ही दिन दूर है, और कुछ दिन पहले जहाँ ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम अपना अभियान शुरू करने को पूरी तरह से तैयार है, वहीं अचानक ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध मिली करारी हार के चलते, टीम की कुछ कमजोरियाँ उजागर हुई हैं, जिसने भारत को फिर से संकट की स्थिति में डाल दिया है।
2019 की शुरुआत से पहले, एमएस धोनी और भुवनेश्वर कुमार की फॉर्म एक बड़ी चिंता थी लेकिन यह जल्द सुलझ गयी। शिखर और रोहित का ओपनिंग कॉम्बिनेशन भी मोहाली में हाल ही में संपन्न चौथे वनडे में लय में आता दिखा। लेकिन एक स्लॉट जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा होती रही है, वह अभी भी सवालों के घेरे में है। भारत को अभी भी उसके नंबर 4 स्लॉट का स्थायी समाधान नहीं मिला है। पिछले 11 मैचों में, भारत ने अंबाती रायडू पर अपना पूरा विश्वास दिखाया था। उन्होंने कुछ मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन ज्यादातर मौकों पर वह बुरी तरह असफल रहे। इन 11 मैचों के दौरान उनके पास कम स्कोर की एक लड़ी है और टीम में उनकी जगह अब संदेह के घेरे में है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच में विराट कोहली ने खुद नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने की कोशिश की, लेकिन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। अगर हम 2015 विश्व कप के बाद के आंकड़ों पर एक नज़र डालें तो ऐसे कुछ क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने नंबर 4 पर अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन उनकी अनदेखी की गई थी और निश्चित रूप से इनमें से कुछ को अधिक अवसर मिलने चाहिए थे।
#3 दिनेश कार्तिक
दिनेश कार्तिक को घरेलू क्रिकेट में कुछ शानदार पारियों के बाद राष्ट्रीय टीम में मौका दिया गया था। उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के समय टीम में वापसी की थी और तब से वह टीम के साथ थे, लेकिन अंतिम एकादश में कम ही मौके मिले, हालाँकि उन्हें जो भी मौके मिले, उनमें कार्तिक ने कुछ शानदार पारियाँ खेली।
चाहे निदहास ट्रॉफी फाइनल हो या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में फिनिशर की भूमिका, उन्होंने हमेशा चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। इस बीच उन्हें कुछ मौके 4 नंबर पर भी मिले और इन 9 मैचों में उन्होंने 52.4 की औसत से 264 रन बनाए और 71.35 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
इस प्रकार इन आंकड़ों को देख यह कहा जा सकता है कि तमिलनाडु के इस बल्लेबाज को और भी मौके मिलने चाहिए थे।
2. अजिंक्य रहाणे
टीम इंडिया का कोई भी सदस्य हो या कोई भी विशेषज्ञ सभी हमेशा रहाणे को अपनी एकादश में खेलते हुए देखना चाहते हैं। खेल के महानतम लोगों के साथ ही साथ विशेषज्ञों ने भी हमेशा रहाणे को एक सम्मान के साथ देखा है। शिखर धवन और रोहित शर्मा की सलामी जोड़ी के बेहतरीन प्रदर्शन के चलते, उनके लिए एकमात्र स्थान नंबर 4 था। उन्हें कुछ मौके दिए गए और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन भी किया। उन्होंने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ किंग्समीड में 79 रनों की शानदार पारी खेली और इसके बाद भारत को पहला वनडे और फिर सीरीज जिताने में मदद की।
4 नंबर पर खेले गए 10 मैचों में से उन्होंने 46.66 के औसत और 92.71 के स्ट्राइक रेट से 420 रन बनाए। उन्होंने 2015 विश्व कप में नंबर 4 पर भी खेला और उस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया। इसलिए यह कहना गलत नही होगा कि रहाणे को विश्व कप में जगह पक्की करने के लिए उन्हें और भी ज्यादा मौके दिए जाने चाहिए थे।
# 1 युवराज सिंह
युवराज सिंह ने 19 साल पहले भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उनके खाते में अनगिनत उपलब्धियां हैं और उन्होंने कई मैच जिताने वाली पारियाँ खेली हैं। भारत ने जिन 2 बड़ी प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की, उन दोनों ही टीमों में यह बाएं हाथ का बल्लेबाज़ शामिल था।
उनके नाम इतने रिकॉर्ड हैं कि उन्हें किसी को कुछ दिखाने की आवश्यकता नहीं है। 2015 विश्व कप के बाद, युवराज ने नंबर 4 पर 9 मैच खेले हैं और 44.75 की औसत से 978 रन बनाए और वो भी 97.54 की स्ट्राइक रेट से। चाहे वह 150 रन की पारी जो ऐसी स्थिति में आई थी जब भारत 25/3 पर संघर्ष कर रहा था या फिर पाकिस्तान के खिलाफ 29 गेंदों पर 52 रन की तेज़ तर्रार पारी, युवराज सिंह ने जब भी जरुरत पड़ी, अपने बल्ले से अविश्वसनीय प्रदर्शन किया।
निश्चित रूप से अगर उन्हें और अवसर दिए जाते तो वे चीजों को बदल सकते थे और भारत के लिए नंबर 4 स्लॉट के संकट को हल कर सकते थे।