वन-डे क्रिकेट की शुरुआत के बाद भारतीय टीम ने समय के साथ इस खेल में खुद को पूरी तरह से ढाल लिया। यही वजह रही कि सन 1983 में ही इस टीम ने उस जमाने की सबसे खतरनाक मानी जाने वाली वेस्टइंडीज की टीम को वर्ल्ड कप फाइनल में हराकर ख़िताब जीता था। कपिल देव सहित सभी खिलाड़ियों का योगदान इसमें रहा। इसके बाद भी आगे चलकर इस प्रारूप में टीम ने कई बुलंदियों को छूने में सफलता अर्जित की। कई महान बल्लेबाज टीम में आए, तो कई गेंदबाज और ऑलराउंडर भी अपना जलवा दिखाने में सफल रहे।
कुछ खिलाड़ियों ने ज्यादा गेंदबाजी की, तो कई ऐसे नाम भी थे जिन्होंने बहुत ही कम या दूसरे शब्दों में कहें तो पूरे वन-डे करियर में महज एक बार ही गेंदबाजी की और फिर उन्हें कभी गेंदबाजी करते हुए नहीं देखा गया। ऐसे ही तीन भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने वन-डे करियर के दौरान सिर्फ एक ओवर की गेंदबाजी की। शुरुआत से संन्यास लेने तक महज एक ओवर फेंकने वाले तीन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में इस आर्टिकल में हम बात करेंगे और उन मैचों के बारे में भी बताते हुए आपको उन सभी चीजों से रूबरू कराएंगे।
दिलीप वेंगसरकर
इस भारतीय क्रिकेटर ने वन-डे करियर में महज एक ओवर की गेंदबाजी की और यह श्रीलंका के खिलाफ देखने को मिली। 12 सितम्बर 1982 को दिलीप वेंगसरकर ने अमृतसर में खेले गए वन-डे मैच में 1 ओवर में 4 रन खर्च किये। हालांकि उन्हें कोई विकेट हासिल नहीं हुआ। वे दाएं हाथ के बल्लेबाज और मध्यम गति के गेंदबाज थे। उस मैच में भारत ने श्रीलंका को 78 रनों से पराजित किया था। इस मैच के बाद दिलीप वेंगसरकर ने अपने वन-डे करियर (129 मैच) में कभी गेंदबाजी नहीं की।
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