3 Indian Cricketers wives Doctor: भारतीय क्रिकेटर्स के साथ- साथ उनकी पत्नी और उनकी गर्लफ्रेंड की चर्चा अक्सर सोशल मीडिया पर होती रहती हैं। फैंस भी क्रिकेटर्स की पर्सनल लाइफ के बारे में जानने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं, कि क्रिकेटर्स की पत्नियां क्या करती हैं, किस फील्ड में जॉब करती हैं।
इसी कड़ी में आज आपको उन भारतीय क्रिकेटर्स के बारे में बताएंगे जिनकी पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं, लेकिन किसी ने अपने शौक के लिए तो किसी ने अपने परिवार के लिए डॉक्टर की नौकरी को छोड़ दिया था। बताते हैं कौन- कौन इस लिस्ट में शामिल है।
3.सचिन तेंदुलकर की पत्नी अंंजलि तेंदुलकर
अंजलि तेंदुलकर का जन्म 10 नवम्बर 1967 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता आनंद मेहता एक उघोगपति थे। अंजलि ने अपनी स्कूली पढ़ाई बॉम्बे इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की है और उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए उन्होंने ग्रांट मेडिकल कालेज और मुंबई के सर जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स से प्रतिष्ठित एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। उन्हें मुंबई विश्ववविद्यालय से स्वर्ण पदक से भी नवाजा जा चुका है। लेकिन उन्होंने डॉक्टर में भविष्य बनाने के बजाय अपने बेटे और बेटी के भविष्य को बनाने में अपना समय दिया।
2.युजवेंद्र चहल की पत्नी धनश्री वर्मा
धनश्री वर्मा को बहुत ही नाजों से पाला गया है। धनश्री का बचपन से ही सपना था कि वे डॉक्टर बनें और परिवार को सपोर्ट करें। साथ ही डांसिंग उनकी एक हॉबी थी। धनश्री अपनी पढ़ाई के साथ डांस की भी प्रैक्टिस करती रहती थीं। एक बार धनश्री की मुलाकात बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन से हुई, जिसके बाद धनश्री ने ठान लिया था कि वे एक अच्छी डांसर भी बनेंगी। उसके बाद उन्होंने मशहूर कोरियोग्राफर शिआमक डावर से ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया।
लेकिन धनश्री के माता-पिता को लगने लगा था कि उनके एग्जाम हैं और वे डांस के कारण पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रही हैं। वे एग्जाम के वक्त भी डांस करती थीं और इसका असर उनकी पढ़ाई पर पड़ रहा था। जिसके बाद धनश्री ने अपनी डेंटिस्ट की पढ़ाई को पूरा किया और डांस को अपने पैशन के तौर पर ही रखा। आज वे एक प्रोफेशनल डेंटिस्ट के साथ-साथ एक शानदार डांसर भी हैं। डेंटिस्ट बनने के बाद धना ने मुंबई में अपनी खुद की डांस एकेडमी खोली हुई है।
राहुल द्रविड़ की वाइफ विजेता पेंढ़ारकर
राहुल द्रविड़ की पत्नी विजेता पेंढारकर पेशे से सर्जन हैं। विजेता ने दिल्ली के बाल भारती स्कूल से अपनी स्कूल की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने नागपुर के श्री शिवाजी साइंस कॉलेज में दाखिला लिया। साइंस में इंटरमीडिएट पूरा करने के तुरंत बाद विजेता ने एमबीबीएस में अपना करियर बनाया। उन्होंने नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया और 2002 में उसी संस्थान से सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। लेकिन परिवार के प्रति प्रतिबद्धता के कारण उन्हें यह काम छोड़ना पड़ा। सफल करियर के लिए इतने साल समर्पित करने के बाद, विजेता ने अपने परिवार के लिए इसे त्याग दिया।