भारतीय टीम (Indian Team) में खेलने का सपना लेकर आने वाले खिलाड़ियों का यह सपना जब पूरा हो जाता है, तो कुछ नई चीजें दिमाग में आती है। उस समय खिलाड़ी इस बारे में सोचता है कि आगे लम्बे समय तक टीम के साथ जुड़कर रहते हुए रन बनाने हैं या गेंदबाजी में अपना नाम कमाना है। कई बार सपना पूरा हो जाता है और अनेकों पार ऐसा नहीं भी होता। हालांकि मेहनत के बल पर सब कुछ हासिल किया जा सकता है लेकिन कुछ मौकों पर परिस्थितियां ऐसी आ जाती है जहाँ चीजें मन मुताबिक नहीं हो पाती है।
भारतीय टीम ने विश्व भर को कई लीजेंड दिए और आगे भी देती रहेगी। अब भी कुछ महान खिलाड़ी भारतीय टीम में खेलते हैं। संन्यास ले चुके खिलाड़ियों को भी खेल प्रेमी अब भी प्यार करते हैं। हर महान खिलाड़ी के फैन्स चाहते हैं कि उनके आदर्श को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ने से पहले एक फेयरवेल मैच दिया जाए। भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों के साथ ऐसा नहीं हुआ है। फेयरवेल मैच भारतीय टीम के कम ही खिलाड़ियों को नसीब हुए हैं। तीन महान खिलाड़ियों का जिक्र यहाँ किया गया है जिन्हें विदाई मैच मिलना चाहिए था।
3 महान भारतीय जिन्हें विदाई मैच मिलना था
वीरेंदर सहवाग
करियर की शुरुआत स्पिनर और निचले क्रम में बल्लेबाज के तौर पर करने वाले सहवाग बाद में एक धाकड़ ओपनर बल्लेबाज बने। भारतीय टीम के लिए टेस्ट में दो तिहरे शतक और वनडे में दोहरा शतक जड़ने के अलावा कई उपलब्धियां अपने नाम की। फेयरवेल मैच के हकदार सहवाग को बिना खेले ही संन्यास लेना पड़ा।
राहुल द्रविड़
दीवार के नाम से मशहूर भरोसेमंद बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने टेस्ट और वनडे दोनों में दस हजार रन बनाए हैं। उन्होंने कई मौकों पर भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में धाकड़ बल्लेबाजी की। द्रविड़ को विदाई मैच तो मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
महेंद्र सिंह धोनी
भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप 2019 के बाद कोई मैच ही नहीं खेला और अंत में एक साल बाद संन्यास की घोषणा कर दी। धोनी ने टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप, चैम्पियंस ट्रॉफी आदि में भारतीय टीम को जीत दिलाई। टेस्ट में नम्बर एक पर भी भारतीय टीम आई। इन सब उपलब्धियों के बाद भी धोनी बिना विदाई मैच के रिटायर हो गए।