भारतीय टीम (Indian Team) में समय-समय पर बेहतरीन खिलाड़ी हर प्रारूप में देखने को मिलते रहे हैं और यह सिलसिला अब भी चल रहा है। मैदान पर बेहतरीन खेल दिखाने के अलावा मैदान से बाहर जाने के बाद भी भारतीय टीम के खिलाड़ी खुद को खेल से ही जोड़कर रखते हैं। खेल से जुड़े किसी न किसी क्षेत्र में ये खिलाड़ी अपने आप को जोड़कर रखते हैं। इनमें सबसे मुख्य कमेंट्री की दुनिया है। इसके अलावा कोचिंग में जाने का विकल्प भी रहता है। सौरव गांगुली(Sourav Gangly) जैसे दिग्गज ने बीसीसीआई अध्यक्ष का पद ग्रहण किया।
कुछ भारतीय खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जिन्हें संन्यास के बाद भारतीय टीम का कोच बनने का मौका मिला है। वर्तमान कोच रवि शास्त्री भी भारतीय टीम के लिए बतौर बल्लेबाज खेला करते थे और अब मुख्य कोच की जिम्मेदारी का निर्वहन रवि शास्त्री कर रहे हैं। राहुल द्रविड़ अंडर 19 और भारत ए के लिए यह काम कर चुके हैं। इस समय की टीम में कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो आगे चलकर भारतीय टीम के कोच बन सकते हैं।
रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन भारत के दिग्गज ऑफ़ स्पिन गेंदबाजों में गिने जाते हैं और बल्लेबाजी में भी वह बेहतर प्रदर्शन कई बार कर चुके हैं। अश्विन में कोचिंग के तमाम गुण मौजूद हैं। वह अन्य खिलाड़ियों को सिखाने की क्षमता रखते हैं। मैदान पर कई बार साथी खिलाड़ियों से चर्चा करते हुए भी उनको देखा जाता है। खेल को अलविदा कहने के बाद उन्हें भारतीय टीम का कोच बनाते हुए देखा जा सकता है। अनिल कुंबले भी गेंदबाज थे लेकिन कोच बने थे।
चेतेश्वर पुजारा
तकनीकी रूप से सक्षम चेतेश्वर पुजारा में क्रिकेट का लम्बा अनुभव जुड़ा हुआ है। वह टेस्ट क्रिकेट में एक प्रोपर बल्लेबाज के रूप में खेलते हैं और अन्य किसी प्रारूप में नहीं खेलते हैं। टेस्ट क्रिकेट में असली परीक्षा होती है, ऐसे में पुजारा का अनुभव टीम के काम आ सकता है और वह कोच बन सकते हैं।
अजिंक्य रहाणे
अजिंक्य रहाणे ने हर प्रारूप में टीम के लिए खेला है और स्लिप में फील्डिंग के नए आयाम पेश किये हैं। अजिंक्य रहाणे तकनीकी रूप से सक्षम तो हैं ही, उन्हें आईपीएल सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर के सभी प्रारूप खेलने का अनुभव है और कठिन परिस्थितियों में टीम के लिए खेलने की योजना पर भी वह बखूबी काम करते हैं। शांत स्वभाव के अजिंक्य रहाणे को टीम का कोच बनाया जा सकता है।