टेस्ट क्रिकेट में एक खिलाड़ी का असली टेस्ट होता है और इस प्रारूप में चुनौतियाँ भी काफी होती है लेकिन खिलाड़ियों की पहली पसंद भी टेस्ट क्रिकेट ही होता है। भारतीय टीम (Indian Team) में भी अलग-अलग समय पर टेस्ट क्रिकेट में काफी बड़े नाम देखने को मिले और उन्होंने अपने प्रदर्शन से दुनिया भर के फैन्स को अपना मुरीद बना लिया। सुनील गावस्कर और कपिल देव के जमाने से लेकर अब तक भारतीय टेस्ट टीम में धाकड़ खिलाड़ियों की भरमार रही है और उन्होंने प्रभावित करने वाला प्रदर्शन किया है।
कई बार खिलाड़ी के करियर में उतार चढ़ाव भी आते हैं और उन्हें टीम से अंदर-बाहर भी होना पड़ता है। यह समय मानसिक रूप से मजबूत होने का होता है। हालांकि बार-बार मौके मिलने के बाद अगर कोई खिलाड़ी लगातार फ्लॉप होता है, तो उसके लिए टीम के दरवाजे बंद भी होते हैं। ऐसे ही तीन भारतीय टेस्ट खिलाड़ियों का जिक्र यहाँ किया गया है जिन्हें इस प्रारूप से संन्यास लेना चाहिए क्योंकि टीम में अब उनकी जगह शायद ही बने।
मुरली विजय
इस ओपनर बल्लेबाज ने डेब्यू के बाद कई सालों तक भारतीय टीम के लिए खेला। 2008 में टीम में आने के बाद मुरली विजय भारतीय ओपनिंग स्लॉट में एक नाम थे लेकिन बाद में उनके प्रदर्शन पर विपरीत असर पड़ा। 2018 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वह अंतिम बार टीम इंडिया के लिए खेले। शुरुआती दो टेस्ट मुकाबलों में वहां फ्लॉप होने के बाद विजय को बाहर कर मयंक अग्रवाल को टीम में शामिल कर लिया गया। अब रोहित शर्मा भी बतौर ओपनर खेल रहे हैं और शुभमन गिल जैसा नया नाम भी है, ऐसे में विजय के पास अब संन्यास लेने का ही विकल्प बचता है।
दिनेश कार्तिक
महेंद्र सिंह धोनी के रहते उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला और जब नम्बर आया तब उनका खेल अच्छा नहीं रहा। इंग्लैंड में दिनेश कार्तिक ने अपना अंतिम टेस्ट खेला था। कार्तिक ने वहां 2018 में शुरुआती दो टेस्ट में प्रभाव नहीं छोड़ा। इसके बाद ऋषभ पन्त को टीम में शामिल किया गया और पन्त ने इस मौके का फायदा भी उठाया। अब पन्त लगातार बेहतर खेल रहे हैं और कार्तिक की वापसी के कोई आसार नहीं है।
शिखर धवन
बतौर ओपनर भारतीय टीम में आने के बाद शिखर धवन ने पहले ही टेस्ट मैच में धमाका करते हुए शतक जमाया था। कई साल खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट में उनके खेल पर भी पहले की तरह प्रभाव नहीं रहा। धवन ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 2018 में इंग्लैंड में खेला। वहां टीम इंडिया को सीरीज में पराजय का सामना करना पड़ा था। वहां आठ पारियों में वह अर्धशतक जड़ने में भी सफल नहीं रहे। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और अब शायद ही उनकी वापसी हो।