Indian Cricket Team : भारतीय क्रिकेट टीम दुनिया की सबसे जबरदस्त और मजबूत टीमों में से एक है। अभी तक भारतीय टीम ने क्रिकेट के कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। भारत की टीम 2 बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी है और एक बार टी20 वर्ल्ड कप भी अपने नाम किया है और चैंपियंस ट्रॉफी की भी चैंपियन टीम इंडिया रह चुकी है।
भारतीय टीम की सफलता का सबसे बड़ा राज अभी तक उनके दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। भारत ने वर्ल्ड क्रिकेट को एक से बढ़कर एक कई दिग्गज प्लेयर दिए हैं। सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, नवाब मंसूर अली खान पटौदी, बिशन सिंह बेदी, इरावली प्रसन्ना, मोहम्मद अजहरुद्दीन, कपिल देव, वीरेंदर सहवाग, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले आप नाम लेते जाएंगे लेकिन ये गिनती खत्म नहीं होगी। ये ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया में काफी नाम कमाया है।
भारत में इतने बेहतरीन खिलाड़ी होते हैं कि कई खिलाड़ियों को मौका ही नहीं मिल पाता है। बड़ी मुश्किल के बाद किसी प्लेयर को भारत की जर्सी पहनने को मिलती है और अगर उसका प्रदर्शन वहां अच्छा नहीं रहा तो जल्द ही कोई दूसरा खिलाड़ी उन्हें रिप्लेस कर लेता है। इसी वजह से कई खिलाड़ियों को केवल कुछ ही मैचों में खेलने का मौका मिलता है।
हम आपको इस आर्टिकल ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिन्हें भारतीय टीम की तरफ से ज्यादा मौके नहीं मिले लेकिन इन्हें और खेलने का मौका मिलना चाहिए था। आइए जानते हैं कौन-कौन से खिलाड़ी इस लिस्ट में हैं।
3 क्रिकेटर जिन्हें भारतीय टीम की तरफ से लंबे समय तक खेलने का मौका मिलना चाहिए था
3.मुरली कार्तिक
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मुरली कार्तिक के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 644 विकेट दर्ज हैं लेकिन भारत के लिए वो 8 टेस्ट , 37 एकदिवसीय और 1 टी20 मुकाबला ही खेल सके। मुरली कार्तिक ने अपना टेस्ट डेब्यू साल 2000 में किया था लेकिन उस वक्त भारतीय क्रिकेट में अनिल कुंबले और हरभजन सिंह की जोड़ी मशहूर थी।
ये जोड़ी ज्यादातर मैचों में भारत की प्लेइंग इलेवन में नजर आती थी और यही वजह रही कि उस दौरान मुरली कार्तिक को ज्यादा मौके नहीं मिले। अपना आखिरी टेस्ट उन्होंने 2004 और आखिरी वनडे 2007 में खेला। हालांकि कार्तिक एक जबरदस्त गेंदबाज थे और अकेले मैच जिताने की क्षमता रखते थे। निश्चित तौर पर उन्हें भारतीय टीम की तरफ से ज्यादा खेलने के मौके मिलने चाहिए थे।
2.मनोज तिवारी
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फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 50 की औसत से खेलने वाले मनोज तिवारी को टीम इंडिया के लिए खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले। उन्हें टीम इंडिया में चुना तो जाता लेकिन ज्यादातर मौकों पर उन्हें बेंच पर बैठाकर रखा जाता था। साल 2008 में डेब्यू करने वाले मनोज तिवारी कभी भी टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए और अंदर-बाहर होते रहे।
मनोज तिवारी ने भारत के लिए 12 वनडे और 3 टी20 मुकाबले खेले। उनके नाम वनडे में एक शतक भी दर्ज है। इसके अलावा वो एक बेहतरीन फील्डर भी थे। कई मौकों पर उन्होंने अपनी बेहतरीन फील्डिंग का नमूना पेश किया। अगर मनोज तिवारी को लगातार मौके मिलते तो शायद वो भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर की समस्या को दूर कर सकते थे। उनके अंदर इतनी काबिलियत थी।
1.इरफान पठान

इरफान पठान भारत के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक थे। वो बेहतरीन स्विंग गेंदबाजी के लिए तो जाने ही जाते थे लेकिन इसके अलावा वो पिंच हिटर के रूप में भी काफी मशहूर थे। कई मौकों पर सिर्फ अपनी बैटिंग से उन्होंने टीम को मैच जिताया था। इसके अलावा कराची टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी हैट्रिक को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
इरफान पठान ने अपने करियर में भारतीय टीम के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 मुकाबले खेले। इस दौरान उन्होंने टेस्ट में 100, वनडे में 173 और टी20 में 28 विकेट चटकाए और ये आंकड़े कतई खराब नहीं हैं। कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया और नए खिलाड़ियों के आने की वजह से वो वापसी नहीं कर पाए। लेकिन पठान जिस स्तर के खिलाड़ी हैं उसे देखते हुए उन्हें निश्चित तौर पर ज्यादा मौके मिलने चाहिए थे।