भारतीय क्रिकेट टीम ने अभी तक दो बार आईसीसी क्रिकेट विश्वकप खिताब जीता है, जिसमें से पहला विश्वकप भारतीय टीम ने साल 1983 में पूर्व महान भारतीय खिलाड़ी कपिल देव की अगुवाई में जीता था। जिसके बाद भारतीय टीम को दूसरा विश्वकप जीतने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और वो मौका आया साल 2011 में। जब भारतीय टीम ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में दूसरा विश्वकप जीता।
हालांकि भारत को विश्व चैंपियन बनाने में जितना अहम योगदान इन भारतीय कप्तानों का था, उतना ही महत्वपूर्ण योगदान भारतीय खिलाड़ियों का था। आज हम 2011 में विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के तीन ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने भारत को चैंपियन बनाने में तो अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया लेकिन लेकिन विश्वकप जीतने के कुछ दिन बाद ही ये खिलाड़ी अचानक टीम से गायब हो गए।
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जानिए कौन हैं वो 3 दिग्गज खिलाड़ी, जिनका करियर आईसीसी 2011 के विश्वकप जीतने के बाद अचानक समाप्त हो गया:-
#3 यूसुफ पठान
आईसीसी क्रिकेट विश्वकप 2011 की भारतीय टीम में शामिल रहे यूसुफ पठान के बारे में भला कौन नहीं जानता, अगर उनका बल्ला और गेंद दोनों ही चले, तो वह अकेले दम पर मैच जिता सकते हैं। हालांकि विश्वकप 2011 के बाद यूसुफ पठान भी अचानक से भारतीय टीम से बाहर हो गए। यूसुफ पठान को उस टूर्नामेंट में 6 ही मैच खेलने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने कुल 74 रन बनाने के साथ-साथ एक विकेट भी लिया था।
इसके बाद यूसुफ पठान ज्यादा दिनों तक भारतीय टीम के साथ नहीं रह सके और उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच 18 मार्च 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। पठान ने अपने वनडे करियर में कुल 57 वनडे मैच खेले और उनमें उन्होंने 113.6 के स्ट्राइक रेट से 810 रन बनाए और साथ ही इतने ही मैचों में 5.49 की इकॉनमी रेट से कुल 33 विकेट भी अपने नाम किए।
#2 एस श्रीसंत
इस लिस्ट में दूसरा नाम है श्रीसंत का, जिन्हें साल 2011 में हुए विश्वकप के दौरान भारतीय टीम में तो शामिल किया गया था लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। हालांकि इसके आधार पर श्रीसंत की प्रतिभा पर शक नहीं किया जा सकता। श्रीसंत विश्वकप 2011 के दौरान 2 मैचों में भारत की प्लेइंग इलेवन में शामिल रहे थे, जिसमें उन्होंने 8.07 की इकॉनमी रेट से गेंदबाजी करते हुए 105 रन दिए थे। हालांकि विकेट हासिल करने में वह असफल रहे थे।
2011 विश्वकप के खत्म होने के साथ ही श्रीसंत के करियर पर भी ब्रेक लग गया। उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच 2 अप्रैल 2011 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। साल 2005 में अपने वनडे करियर की शुरुआत करने वाले श्रीसंत ने अपने करियर में कुल 53 वनडे मैच खेले और उनमें 6.07 की इकॉनमी रेट से कुल 75 विकेट हासिल किए। इस दौरान उन्होंने एक पारी में 55 रन देकर 6 विकेट भी अपने नाम किए और यह उनका सबसे उम्दा गेंदबाजी प्रदर्शन था।
#1 मुनाफ पटेल
साल 2011 में खेले गए विश्वकप में भारतीय टीम में मुनाफ पटेल को भी शामिल किया गया था, हालांकि मुनाफ पटेल का नाम बहुत कम ही लोगों को मालूम होगा, क्योंकि इनका करियर बेहद छोटा रहा। इसके बावजूद 2011 में भारत को चैंपियन बनाने में पटेल ने अहम योगदान दिया था। मुनाफ पटेल ने 2011 आईसीसी विश्वकप में भारतीय टीम की ओर से 8 मैच खेले थे और उनमें पटेल ने 5.36 की इकॉनमी रेट और 32.09 के औसत से गेंदबाजी की थी, जिसकी बदौलत उन्होंने 8 मैचों में 11 विकेट अपने नाम किए थे। इस टूर्नामेंट में उन्होंने एक पारी में 48 रन देकर 4 विकेट भी झटके थे।
इसके बावजूद मुनाफ पटेल ज्यादा दिनों तक वनडे टीम में नहीं रह सके। 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में डेब्यू करने वाले पटेल ने अपना आखिरी वनडे मैच भी 3 सितंबर 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। उन्होंने अपने करियर में कुल 70 वनडे मैच खेले और उनमें 4.95 की इकॉनमी रेट से कुल 86 विकेट अपने नाम किए।