अंडर-19 विश्व कप 2020 का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में किया जा रहा है, जिसमें कई युवा खिलाड़ी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनके शानदार प्रदर्शन का असर यह भी हो सकता है कि शायद उन्हें भारतीय टीम से बुलावा भी आ जाए। पहले भी ऐसा हो चुका है। भारतीय टीम में शामिल रहे कई शानदार खिलाड़ी अंडर-19 टीम से ही निकलकर आए हैं।
इनमें सबसे पहला नाम है भारतीय कप्तान विराट कोहली का। इसके बाद युवराज सिंह और रविंद्र जडेजा जैसे कई खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने अंडर-19 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया और उसके बल पर राष्ट्रीय टीम का रुख किया। हालांकि अंडर-19 विश्वकप टीम में शामिल कुछ ऐसे स्टार खिलाड़ी भी रहे, जिन्होंने शानदार प्रदर्शन तो किया लेकिन उन्हें आगे बढ़ने का मौका ही नहीं मिला और लोग भी उन्हें भूल गए।
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जानिए कौन हैं वो 5 शानदर खिलाड़ी :-
#1 रवनीत रिक्की
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम है साल 2000 की अंडर-19 विश्वकप टीम में शामिल रहे रवनीत रिक्की का। वो उस टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इसकी बदौलत भारतीय टीम ने फाइनल मैच में श्रीलंका को हराया था और खिताब जीता था। रिक्की ने उस टूर्नामेंट में 8 मैचों में 42.50 के औसत से कुल 340 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल थे।
हालांकि उन्हें इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद राष्ट्रीय टीम से बुलावा नहीं आया, जबकि उनके साथ उसी टीम में शामिल रहे खिलाड़ी युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ आगे बढ़ गए। रिक्की ने अपने करियर में 73 फर्स्ट क्लास मैचों में 37.33 की औसत से 4032 रन बनाए, जिसमें 13 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं।
#2 रतिंदर सिंह सोढ़ी
साल 2000 में अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम में एक और खिलाड़ी शामिल था, जिसे शानदार प्रदर्शन के बावजूद मौका नहीं मिला। रतिंदर सिंह सोढ़ी ने उस टूर्नामेंट के फाइनल मैच में 10 ओवर में महज 26 रन दिए थे और इसके साथ ही 43 गेदों में 39 रनों की पारी भी खेली थी। उन्होंने आठ मैचों में 33.50 की औसत से कुल 134 रन बनाए थे।
इसकी बदौलत उन्हें साल दिसंबर 2000 में भारतीय टीम की ओर से बुलावा आया लेकिन वह केवल 18 वनडे मैच ही खेल सके और चयनकर्ताओं का भरोसा जीतने में नाकाम रहे। सोढ़ी ने 18 वनडे मैचों में 25.45 की औसत से 280 रन बनाए और 5 विकेट भी लिए। उन्होंने भारत की ओर से अपना आखिरी वनडे मैच नवंबर 2002 में खेला था।
#3 अमित भंडारी
तीसरा नाम है अमित भंडारी का। अमित भंडारी ने साल 1998 के अंडर-19 विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उस टूर्नामेंट में भंडारी ने 6 मैचों में 15.18 की औसत से 11 विकेट लिए थे और भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी रहे थे। यही वजह रही कि उन्हें भारतीय टीम में भी शामिल किया गया। हालांकि उन्होंने अपने डेब्यू मैच में ही पाकिस्तान के खिलाफ 10 ओवर में 75 रन लुटाए थे।
इसके बाद उन्हें भारत की ओर से अपना दूसरा वनडे मैच चार साल बाद खेलने का मौका मिला। इसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन तो किया लेकिन दोबारा भारतीय टीम में उनकी वापसी नहीं हुई। भंडारी ने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर में 95 मैचों में 314 विकेट लिए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली की टीम के मुख्य चयनकर्ता के रूप में भी काम किया।
#4 गौरव धीमान
गौरव धीमान ने भारत की तरफ से 2004 और 2006 का अंडर-19 विश्व कप खेला था। 2004 के टूर्नामेंट में गौरव का प्रदर्शन औसत था लेकिन 2006 के टूर्नामेंट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 44.40 के औसत से 222 रन बनाए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 123.33 का रहा था। इसके अलावा उन्होंने 4 विकेट भी चटकाए थे।
इसके अलावा धीमान ने अंडर-19 एफ्रो एशिया कप के फाइलन मुकाबले में श्रीलंका के खिलाफ 20005 में 75 गेदों पर शानदार 105 रन बनाए थे। इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें मौका नहीं मिला और उनका करियर महज एक फर्स्ट क्लास मैच और सात लिस्ट ए मैचों के साथ ही खत्म हो गया।
#5 अजितेश अर्गल
साल 2008 के अंडर-19 विश्व कप में विराट कोहली के अलावा एक और खिलाड़ी था, जिसने शानदार प्रदर्शन किया था और वो हैं अजितेश अर्गल। उस टूर्नामेंट में उन्होंने महज 6 मैचों में 12.75 की औसत और 26.2 की स्ट्राइक रेट से 8 विकेट चटकाए थे। टूर्नामेंट के फाइनल मैच में भी अर्गल ने शानदार प्रदर्शन किया था।
उस मैच में अर्गल ने 5 ओवर में महज 7 रन दिए थे और 2 विकेट चटकाए थे, जिसमें 2 मेडन ओवर भी शामिल थे। उनके इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने अपने 116 रनों के टार्गेट को बचा लिया था और साउथ अफ्रीका अंडर-19 टीम महज 103 रन ही बना सकी। इसके बावजूद अर्गल को मौका नहीं मिला। उन्होंने अपने करियर में मध्य प्रदेश की ओर से 10 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं।