साल 2019 का आईपीएल सत्र 23 मार्च से शुरू होने जा रहा है। बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर घोषणा करते हुए कहा है कि इस वर्ष भी आईपीएल भारत में ही खेला जाएगा। आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों के साथ टकराव के कारण इस बार का आईपीएल भारत में आयोजित करने को लेकर असमंजस स्थिति बनी हुई थी। हालांकि भारतीय दर्शकों, प्रसारणकर्ता स्टार स्पोर्ट्स और फ्रैंचाइजी मालिकों की आईपीएल का आयोजन भारत में ही करने की इच्छा को मद्देनजर रख कर अब बीसीसीआई की ओर से इस बात को लेकर स्पष्टीकरण दे दिया गया है।
इसके बावजूद आईपीएल के इस सत्र के दौरान होने वाली सभी मुश्किलें आसान नहीं हुई है। आईपीएल के तुरंत बाद विश्व कप 2019 का आयोजन किया गया है, जिसके चलते ज्यादातर विदेशी खिलाड़ी अपने देश को प्राधान्य देते हुए इंडियन प्रीमियर लीग के लिए मौजूद नहीं रहेंगे। ऐसे में इन खिलाड़ियों के स्थान पर दूसरे प्लेयर्स के विकल्प ढूंढना कोई आसान कार्य नहीं होगा।
आईपीएल की आठों टीमें इस समस्या से प्रभावित होंगी, जिसका असर आईपीएल की नीलामी के दौरान भी देखने को मिला था। सभी आईपीएल टीमों ने नीलामी में विश्व कप 2019 की परिस्थिति को ध्यान में रखकर ही समझदारी से खिलाड़ियों को खरीदा है। हालांकि, टीम कॉम्बिनेशन बिगड़ने के कारण आईपीएल में खराब प्रदर्शन करने का डर आठों टीम के मालिकों और कोचिंग स्टाफ को सता रहा है।
आइए हम नजर डालते है उन 3 आईपीएल टीमों पर जिन्हे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी का सबसे कम असर होगा।
#1. किंग्स XI पंजाब
आईपीएल के पूरे सत्र के दौरान उपस्थित रहने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी- क्रिस गेल, निकोलस पूरन, मोईसीस हेनरिक्स। इन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का आईपीएल में खेलना तय नहीं है- डेविड मिलर, एंड्रू टाई, मुजीब उर रहमान, सैम करन।
नीलामी के दौरान पंजाब ने सबसे ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाई थी। फ्रैंचाइजी ने अधिक से अधिक खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने का निर्णय लिया। खास कर वरुण चक्रवर्ती जैसे घरेलू लेग स्पिनर को खरीदने के लिए उन्होंने मोटी रकम खर्च कर दी थी। सेम करन और निकोलस पूरन जैसे युवा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को खरीद कर पंजाब ने मजबूत दल गठित कर लिया है।
हालांकि डेविड मिलर और एंड्रू टाई की गैरमौजूदगी से पंजाब को तगड़ा झटका लग सकता है। अफगानिस्तान के युवा लेग स्पिनर मुजीब उर रहमान को शायद आईपीएल में खेलने की मंजूरी दी जा सकती है। फिर भी पंजाब के पास इन तीनों खिलाड़ियों का बैकअप उपलब्ध है जो कि उनके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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#2. दिल्ली कैपिटल्स
आईपीएल के पूरे सत्र के दौरान उपस्थित रहने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी- कॉलिन मुनरो, कॉलिन इन्ग्राम, शेर्फने रदरफोर्ड, संदीप लामिचाने, ट्रेन्ट बोल्ट, कीमो पॉल। इन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का आईपीएल में खेलना तय नहीं है- क्रिस मॉरिस और कगिसो रबाडा
दिल्ली डेयरडेविल्स से नाम बदलकर 'दिल्ली कैपिटल्स' रखने वाली फ्रैंचाइजी ने नीलामी में ढेर सारा पैसा खर्च किया। बड़े नामों को खरीदने के अलावा दिल्ली ने मजबूत खिलाड़ियों का दल तैयार करने पर जोर दिया, जिससे खिलाड़ियों के उपलब्ध नहीं होने की समस्या हल होती दिखाई दे रही है। दिल्ली के सिर्फ दो ही विदेशी खिलाड़ी आईपीएल के अंतिम भाग के लिए मौजूद नहीं होंगे। दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा और क्रिस मॉरिस आईपीएल सत्र समाप्त होने के कुछ सप्ताह पहले वतन वापिस लौट जायेंगे।
इन दोनों तेज गेंदबाजों की अनुपस्थिति में दिल्ली के लिए आईपीएल का सफर कठिनाई भरा हो सकता है। लेकिन न्यूजीलैंड के ट्रेन्ट बोल्ट और भारत के ईशांत शर्मा इस कमी को पूरा करने की क्षमता रखते है।
#3. कोलकाता नाइटराइडर्स
आईपीएल के पूरे सत्र के दौरान उपस्थित रहने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी- आंद्रे रसैल, कार्लोस ब्रैथवेट, सुनील नारेन, लोकी फर्ग्युसन। इन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का आईपीएल में खेलना तय नहीं है- क्रिस लिन और जो डेनली।
कोलकाता नाइटराइडर्स ने पिछले साल आईपीएल में प्लेऑफ तक का सफर तय किया था। हमेशा से ही केकेआर की टीम का सारा दारोमदार वेस्टइंडीज के दिग्गज ऑलराउंडर्स सुनील नारेन और आंद्रे रसेल पर रहता है। इस बार भी ये दोनों हरफनमौला खिलाड़ी पूरे सत्र के लिए उपलब्ध रहेंगे।
इस नीलामी में कोलकाता द्वारा खरीदे गए कार्लोस ब्रैथवेट और लोकी फर्ग्युसन भी पूरे सीजन में खेलते हुए नजर आयेंगे। सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस लिन की गैरमौजूदगी कोलकाता को महसूस हो सकती है। हाल ही में लीन को ऑस्ट्रेलिया के एकदिवसीय स्कवॉड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, ऐसे में विश्व कप में उनके खेलने को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। एक बात तो तय है कि कोलकाता को विश्व कप 2019 के कारण अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की अनुपस्थिति का सबसे कम नुकसान होगा।