Team India Squad Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी के लिए सभी टीमों ने अपने स्क्वाड फाइनल कर लिए। शुरुआत में घोषित किए गए प्रोविजिनल स्क्वाड में कुछ टीमों को चोटिल खिलाड़ियों के फिट ना होने के कारण बदलाव भी करने पड़े हैं, जिसमें भारत का नाम भी शामिल है। प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अपनी बैक इंजरी से उबर नहीं पाए और वह आगामी आईसीसी टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं होंगे। बुमराह की जगह हर्षित राणा को मौका मिला है। वहीं यशस्वी जायसवाल को ड्रॉप कर दिया गया है और उनके स्थान पर वरुण चक्रवर्ती की एंट्री हुई है।
भारत के स्क्वाड पर नजर डालें तो कुछ चीजों में अभी भी कमियां नजर आ रही हैं और इसका खामियाजा टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में भुगतना पड़ सकता है। इस आर्टिकल में हम ऐसी ही 3 कमियों का जिक्र करने जा रहे हैं, जो चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुने गए टीम इंडिया के स्क्वाड में हैं।
3. स्पिनर्स की भरमार
भारत ने अपने स्क्वाड में स्पेशलिस्ट और ऑलराउंडर्स को मिलाकर कुल 5 स्पिन विकल्प चुने हैं, जिसमें कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, वॉशिंगटन सुंदर और वरुण चक्रवर्ती शामिल हैं। यूएई में पिचों को स्पिनरों के लिए मददगार माना जाता है लेकिन भारत ने इतने ज्यादा स्पिनर चुनकर खुद को ही मुश्किल में डाल लिया है। इनमें से शायद कुछ को एक भी मैच में मौका ना मिले। ऐसे में अतिरिक्त तेज गेंदबाज का चयन किया जा सकता था।
2. बैकअप ओपनर का ना होना
भारत ने अपने प्रोविजिनल स्क्वाड में बैकअप ओपनर के तौर पर यशस्वी जायसवाल को चुना था लेकिन अब उन्हें ड्रॉप कर दिया गया है। जायसवाल को इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में डेब्यू का मौका मिला था तो लगा कि शायद भारत उन्हें गंभीरता से चैंपियंस ट्रॉफी के लिए ले जाने पर विचार कर रहा है लेकिन अब उनकी जगह वरुण चक्रवर्ती आ गए। कप्तान रोहित शर्मा की फॉर्म को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने अभी तक सिर्फ एक ही अच्छी पारी कुछ महीनों में खेली है। ऐसे में एक बैकअप ओपनर अच्छा विकल्प होता।
1. तेज गेंदबाजी विभाग में अनुभव की कमी
भारत ने अपने स्क्वाड में तेज गेंदबाजी विभाग में मोहम्मद शमी के साथ अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा को मौका दिया है। शमी के पास काफी अनुभव है लेकिन उनके दो जोड़ीदार एकदम नए हैं। जहां अर्शदीप ने अभी तक सिर्फ 8 वनडे खेले हैं, वहीं हर्षित राणा ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में ही डेब्यू किया है और उनके पास सिर्फ 2 मैच का अनुभव है। ऐसे में बड़े आईसीसी टूर्नामेंट में अनुभवहीन गेंदबाजों के कारण टीम इंडिया को नुकसान झेलना पड़ सकता है।