चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियन इन दोनों टीम को आईपीएल की सर्वश्रेष्ठ टीम माना जा सकता है। इसका कारण यह है कि इन दोनों ही टीमों ने अब तक तीन-तीन बार आईपीएल खिताब अपने नाम किया है। इन दोनों ही टीमों में इसके अलावा एक और समानता यह भी है कि आईपीएल के सभी सीजनों के दौरान इनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। चेन्नई सुपर किंग्स ने तीसरी बार आईपीएल का खिताब पिछले सीजन 2018 में जीता था। जबकि मुंबई इंडियंस तीन बार आईपीएल खिताब जीतने वाली पहली टीम है।
आईपीएल इन दोनों टीमों का आपस में 26 बार आमना-सामना हो चुका है, इस दौरान मुंबई इंडियंस 14 मुकाबले जीतने में सफल हुई जबकि चेन्नई सुपर किंग्स 12 मुकाबलों में मुंबई इंडियंस को हरा पाई है। इन टीमों के बीच आपस में मुकाबला हर कोई देखना पसंद करता है। तो आइए जान लेते हैं इतिहास में जो ऐसे ही 3 मुंबई इंडियंस वर्सेस चेन्नई सुपर किंग्स मुकाबले के बारे में, जिसमें चेन्नई की टीम ने मुंबई की टीम को एक यादगार मुकाबले में हराया।
#3 2008 के दौरान चेन्नई में हुआ मुकाबला
यह मुकाबला आईपीएल के इतिहास में चेन्नई की टीम द्वारा खेला गया दूसरे नंबर का मुकाबला था। इस मुकाबले में चेन्नई की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी ने की थी जबकि मुंबई टीम के कप्तान सचिन तेंदुलकर की अनुपस्थिति में हरभजन सिंह थे। इस मुकाबले में टॉस जीतकर हरभजन सिंह ने गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। चेन्नई टीम की शुरुआत मैथ्यू हेडन और पार्थिव पटेल ने की,किंतु पार्थिव पटेल का विकेट जल्दी गिर गया। लेकिन इससे मैथ्यू हेडन को कोई फर्क नहीं पड़ा और उन्होंने सुरेश रैना के साथ मिलकर तूफानी बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम का स्कोर 208 रन तक पहुंचा दिया।
मुंबई इंडियंस की पारी की शुरुआत सनत जयसूर्या ने की, जो उस समय काफी बड़े बल्लेबाज माने जाते थे। किंतु इस मुकाबले में ज्यादा कुछ नहीं कर पाए और मात्र 20 रन में ही आउट हो गए। मुकाबले के दौरान एक समय ऐसा आया, मुंबई की टीम के छह विकेट सिर्फ 141 रन पर गिर गए थे और उन्हें 27 बॉल में 62 रन की आवश्यकता थी। उस समय क्रीज में मौजूद हरभजन सिंह और अभिषेक नायक ने पारी के 17वें ओवर में 21 रन और 18 वें ओवर में 13 रन बनाए। अब मुंबई को 2 ओवर में 28 रन बनाने थे, किंतु 19 वें ओवर में चेन्नई की ओर मुथैया मुरलीधरन ने शानदार गेंदबाजी करते हुए मात्र 9 रन दिए। जिसके कारण दबाव मुंबई की टीम के ऊपर आ गया।आखिर में इस मुकाबले को चेन्नई सुपर किंग्स की टीम 6 रन से जीत गई।
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#2. 2010 के दौरान मुंबई में हुआ फाइनल मुकाबला
आईपीएल के 2010 सीजन में शानदार प्रदर्शन करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस की टीम फाइनल के लिए जगह बनाने में सफल हुई। जिसके बाद मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में यह मुकाबला हुआ। इस मुकाबले की शुरुआत में चेन्नई सुपर किंग्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, चेन्नई की पारी की शुरुआत करते हुए मैथ्यू हेडन और मुरली विजय 44 रन जुटा पाए। इसके बाद दोनों ही पवेलियन की ओर चलते बने। 12वें ओवर में चेन्नई टीम का स्कोर 67 रन पर तीन विकेट हो गया और इस समय क्रीज पर सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोनी मौजूद थे। इन दोनों ही बल्लेबाज ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 ओवर में 72 रन जोड़े, महेंद्र सिंह धोनी के आउट होने के बाद एल्बी मोर्कल ने आकर मात्र 6 गेंदों में 15 रन बनाए जिससे चेन्नई टीम का स्कोर 168 रन पहुंच पाया।
मुंबई की पारी की शुरुआत में रविचंद्रन अश्विन ने मेडन ओवर डालकर मुंबई की टीम के ऊपर प्रेशर बढ़ा दिया। किंतु संभल संभल कर खेलते हुए मुंबई इंडियंस ने 11 ओवर में 1 विकेट के नुकसान पर 67 रन बना लिए। अब मुंबई की टीम को भी वही कर दिखाना था जो चेन्नई की टीम ने अपने अंतिम आठ ओवरों में कर दिखाया था। मुंबई इंडियंस के करिश्माई बल्लेबाज माने जाने वाले किरोन पोलार्ड के क्रीज में आते तक मुंबई की टीम को 3 ओवर में 55 रन बनाने थे। जिसके बाद पोलार्ड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अगले ओवर में 2 छक्के और 2 चौके लगाकर अपनी टीम के ऊपर से पूरा दबाव ही समाप्त कर दिया। पारी के 19ंवे ओवर में शानदार गेंदबाजी करते हुए एल्बी मोर्कल ने मात्र 6 रन दिए और पोलार्ड का विकेट भी लिया, इसके बाद मुंबई की टीम संभल नहीं पाई और इस मुकाबले में अंत में चेन्नई की टीम ने 22 रन से विजय हासिल की।
#1 2018 के दौरान मुंबई में हुआ मुकाबला
आईपीएल के पिछले सीजन यह ओपनिंग मुकाबला रखा गया था, 2 साल का बैन झेलने के बाद यह चेन्नई की टीम का पहला मुकाबला होने वाला था। इस मुकाबले में चेन्नई की टीम ने मुंबई इंडियंस को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया, जिसके जवाब में 20 ओवरों के दौरान मुंबई इंडियंस 169 रन बना सकी। वहां बैठी सभी जनता यह मान रही थी कि इस मुकाबले में चेन्नई की टीम आसानी से जीत जाएगी।
चेन्नई की टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 84 रन के स्कोर पर चेन्नई के छह बल्लेबाज आउट हो चुके थे, और केदार जाधव चोटिल होने की वजह से मैच छोड़ कर जा चुके थे। चेन्नई सुपर किंग्स की अंतिम उम्मीद क्रीज पर मौजूद ड्वेन ब्रावो थे, क्योंकि उनके बाद निचले क्रम में बल्लेबाजी करने वाला कोई भी क्रिकेटर मौजूद नहीं था। चेन्नई टीम को अगले 7 ओवर में 82 रन बनाने थे। यह मुकाबला और भी दिलचस्प तब हो गया जब चेन्नई टीम के लिए क्रीज पर एकमात्र जोड़ी बची हुई थी, और टीम को 21 गेंद में 48 रन की आवश्यकता थी।
उस समय पर क्रीज में इनफॉर्म बल्लेबाज ड्वेन ब्रावो थे, जिनका साथ इमरान ताहिर दे रहे थे। ड्वेन ब्रावो के शानदार प्रदर्शन के चलते चेन्नई की टीम ने मुकाबले में अपनी अच्छी वापसी की, किंतु एक गेंद को छक्के के लिए मारते समय ड्वेन ब्रावो कैच आउट हो गए। वहां मौजूद सभी फैंस को लगा कि यह मुकाबला यहीं समाप्त हो चुका है। किंतु तभी वहां केदार जाधव ने अपनी वापसी की जो कुछ समय पहले चोट के कारण मैच को बीच में ही छोड़ कर चले गए थे। इसके बाद केदार जाधव ने बल्लेबाजी करने का फैसला किया, और 1 छक्के के साथ अपनी टीम को इस मैच में जीत दिलाई।