एक समय पर खिलाड़ियों को भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए काफी मेहनत और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता था। वहीं जब से टी20 क्रिकेट के साथ-साथ इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हुई, उसके बाद से कई युवा और प्रतिभाशाली चेहरे सामने निकलकर आए। इनमें से कुछ अपने दम पर तो कुछ अपने फैमिली बैकग्राउंड की वजह से भारतीय टीम तक पहुंचे।
वहीं भारतीय क्रिकेट टीम में कुछ ऐसे भी महान क्रिकेटर रहे हैं, जिन्होंने अपने खेल के बल पर काफी हद तक क्रिकेट के स्तर को ऊपर उठाया और कई शानदार रिकॉर्ड दर्ज किए। जबकि उनके बेटे कुछ खास नहीं कर सके।
आज हम आपको ऐसे ही तीन भारतीय क्रिकेटरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने इस खेल में बेहद शानदार रिकॉर्ड अपने नाम किए लेकिन उनके बेटे वो मुकाम हासिल नहीं कर पाए
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#1 सुनील गावस्कर और उनके बेटे रोहन गावस्कर
सुनील गावस्कर ने अपने टेस्ट क्रिकेट करियर की शुरुआत वेस्टइंडीज के खिलाफ 1971 में की थी। जिसके बाद से लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने भारतीय टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10, 000 रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 125 मैचों में 51.1 की औसत से 10122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक और 45 अर्धशतक शामिल हैं। जबकि वनडे करियर में भी उन्होंने 108 मैचों में 35.1 की स्ट्राइक रेट से 3092 रन बनाए
वहीं 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने वनडे क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले उनके बेटे रोहन गावस्कर बुरी तरह फ्लॉप हुए। वह भारतीय टीम की ओर से केवल 11 मैच ही खेल सके और उसमें बेहद निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए 18.9 की औसत से मात्र 151 रन ही बना पाए।
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#2 रोजर बिन्नी और उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी
भारतीय क्रिकेट टीम के मशहूर आलराउंडर रहे रोजर बिन्नी अपने समय के दिग्गज क्रिकेटरों में गिने जाते हैं। रोजर बिन्नी ने अपने टेस्ट और वनडे करियर में बेहद कम मैच खेले लेकिन उनमें शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने करियर में 27 टेस्ट मैचों में 23.1 के औसत से 830 रन और कुल 47 विकेट अपने नाम किए। साथ ही 72 वनडे मैचों में कुल 629 रन के साथ 77 विकेट भी चटकाए ।
वहीं स्टुअर्ट बिन्नी ने अपने करियर में 6 टेस्ट, 14 वनडे और 3 टी20 मैच खेले हैं। जिसमें उन्होंने क्रमशः 21.6 के औसत से 194 रन, 28.8 के औसत से 230 रन और 17.5 के औसत से मात्र 35 रन ही बनाए हैं। इस लचर प्रदर्शन के कारण वह जल्द ही टीम से बाहर हो गए और फिर कभी वापसी नहीं कर सके।
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#3 कृष्णमाचारी श्रीकांत और उनके बेटे अनिरुद्ध श्रीकांत
1981 में अपने टेस्ट क्रिकेट करियर की शुरुआत करने वाले कृष्णमाचारी श्रीकांत अपने समय में नियमित रूप से भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे और उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 43 मैचों में 29.9 के औसत से 2062 रन बनाए। इसके अलावा वनडे करियर में भी उन्होंने 146 मैचों में 29 के ही औसत से कुल 4091 रन बनाए । उनका फर्स्ट क्लास क्रिकेटर करियर भी बेहद शानदार रहा ।
हालांकि उनके बेटे अनिरुद्ध श्रीकांत अपने पिता के सपने को सच न कर सके। अनिरुद्ध श्रीकांत ने अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत महज 16 साल में ही कर दी थी लेकिन वह अपने करियर को लंबा नहीं खींच सके। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तमिलनाडु की ओर से खेलते हुए महज 23 मैच ही खेले और उसमें 29.4 के औसत से 1031 रन ही बनाए।
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