क्रिकेट मैच में मनोरंजन के बीच दर्शकों के उत्पात की वजह से मैच निरस्त होना एक निराशाजनक बात मानी जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी कुछ मौकों पर ऐसा ही देखने को मिला है। दर्शक को खेल का अहम हिस्सा माना जाता है। अपनी टीम को चीयर करने के लिए भरा हुआ स्टेडियम देखने में और खिलाड़ियों की हौसला अफजाई के लिए अच्छा लगता है लेकिन कई बार इन दर्शकों की वजह से ही मैचों में बाधा भी आई है। घरेलू क्रिकेट में दर्शक कम होते हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दर्शकों की संख्या काफी होती है, जिन्हें मैनेज करने के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था करना आयोजक बोर्ड की जिम्मेदारी होती है।
कई बार आयोजक टीम के खराब प्रदर्शन या अन्य वजहों से दर्शकों को मैदान पर हिंसा करते हुए देखा गया है। इस तरह की हरकतों के बाद मैच को बीच में ही रोककर या तो निर्णय सुनाया गया या मैच को ही रद्द कर दिया गया। ऐसी स्थिति आयोजन करने वाले देश के लिए बेहद शर्मनाक होती है। जेंटलमैन गेम क्रिकेट को देखने के लिए भी जेंटलमैन और लेडीज आती हैं लेकिन कई बार उन्होंने अपना आप खोकर मैच में बाधा पहुंचाने के अलावा क्रिकेट बोर्ड और देश को भी शर्मसार किया है। ऐसे ही तीन मैचों की बात इस आर्टिकल में की गई है जहाँ दर्शकों की हिंसा के कारण मैच रोका गया या रद्द किया गया। तीनों घटनाएं भारत में ही हुई हैं।
यह भी पढ़ें:3 भारतीय कप्तान जिनका वनडे में सौ फीसदी मैच जीतने का रिकॉर्ड है
भारत vs वेस्टइंडीज, 1966/67
क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ जब दर्शकों के कारण मैच रुका हो। कोलकाता के ईडन गार्डंस में मैच से पहले ग्राउंड स्टाफ ने ब्लैक में टिकट बेचे। इसके बाद क्षमता से ज्यादा दर्शक मैदान पर आ गए। पहले दिन उन्हें संभाल लिया गया। मैच के दूसरे दिन दर्शकों की भीड़ ने उत्पात मचाया और पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। उस दिन खेल नहीं हुआ और दर्शक मैदान में पहुँच गए। अगले दिन रेस्ट रखा गया, इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम खेलने के लिए राजी हुई और भारत को पारी से हार मिली।