क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल माना जाता है। यहां मैदान पर कब क्या हो जाए इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। कागजों पर टीमों के कमजोर या मजबूत होने से उनके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ता है। यही कारण है कि कई मौकों पर आंकड़ों के आधार पर कमजोर टीमों ने दुनिया की सफल टीमों के खिलाफ पलटवार करते हुए मात देकर क्रिकेट जगत को चौंकाया है।
इसी प्रकार कुछ टीमों ने कागजों पर कमजोर होने के बावजूद किसी टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से सभी को हैरान किया और ख़िताब भी जीतने में कामयाबी पाई। कुछ ऐसा ही 2022 एशिया कप में श्रीलंका ने करके दिखाया। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 3 मौकों का जिक्र करने जा रहे हैं, जब कमजोर मानी जाने वाली टीमों ने टूर्नामेंट जीतकर सभी को हैरान किया।
इन 3 मौकों पर कमजोर मानी जाने वाली टीमों ने खिताबी जीत दर्ज की
#3 भारत (1983 वर्ल्ड कप)
![कप्तान कपिल देव 1983 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/afea3-16630832884282-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/afea3-16630832884282-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/afea3-16630832884282-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/afea3-16630832884282-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/afea3-16630832884282-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/afea3-16630832884282-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/afea3-16630832884282-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/afea3-16630832884282-1920.jpg 1920w)
1983 वर्ल्ड कप भारत के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। कपिल देव की कप्तानी वाली उस भारतीय टीम ने दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज को फाइनल में हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। उस वर्ल्ड कप ने भारतीय क्रिकेट में क्रान्ति लाने काम काम किया और वहीं से भारत में क्रिकेट के एक नई शुरुआत हुई। 1983 वर्ल्ड कप के बाद कई भारतीय खिलाड़ियों ने यह माना था कि वह इंग्लैंड में टूर्नामेंट खेलने नहीं बल्कि छुट्टियां मनाने गए हुए थे।
#2 श्रीलंका (1996 वर्ल्ड कप)
![श्रीलंका के पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा 1996 वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/54aec-16630835384413-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/54aec-16630835384413-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/54aec-16630835384413-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/54aec-16630835384413-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/54aec-16630835384413-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/54aec-16630835384413-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/54aec-16630835384413-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/54aec-16630835384413-1920.jpg 1920w)
1996 का वर्ल्ड कप कई विवादों और कहानियों से भरा रहा है। उस वक्त की सबसे मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्ड कप जीतने का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा था। ऐसे में पिछले पांच वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज भी क्वालीफाई न कर पाने वाली श्रीलंका की टीम ने अर्जुन रणतुंगा की अगुवाई में बिना कोई मैच हारे वर्ल्ड कप जीतकर क्रिकेट जगत में अपने आगमन का ऐलान किया था।
उस समय श्रीलंकाई देश कई सारी चुनौतियों से जूझ रहा था। ऐसे में उनका वर्ल्ड कप जीतना किसी कारनामे से कम नहीं था।
#1 श्रीलंका (2022 एशिया कप)
![एशिया कप 2022 की चैंपियन श्रीलंका टीम](https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/893a4-16630835715552-1920.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/893a4-16630835715552-1920.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/893a4-16630835715552-1920.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/893a4-16630835715552-1920.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/893a4-16630835715552-1920.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/893a4-16630835715552-1920.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/893a4-16630835715552-1920.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2022/09/893a4-16630835715552-1920.jpg 1920w)
इस साल एशिया कप में श्रीलंका ने एक बार फिर 1996 वर्ल्ड कप जैसा ही कारनामा दोहराया। बस फर्क इतना था कि टूर्नामेंट में केवल एशियाई टीमें ही मौजूद थीं। राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालत काफी खराब हैं। ऐसे में किसी ने नहीं सोचा होगा कि कागजों पर कमजोर नजर आ रही युवा श्रीलंकाई टीम, जिसे इस टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में ही अफगानिस्तान से एकतरफा हार का सामना करना पड़ा था, भारत और पाकिस्तान जैसी मजबूत टीमों को हराकर एशिया कप का ख़िताब छठी बार अपने नाम करेगी।
हालाँकि टीम ने पहले मुकाबले की हार से सीख लेते हुए जुझारू खेल दिखाया और फाइनल में पाकिस्तान को हराते हुए ख़िताब जीता और अपने देशवासियों को ख़ुशी मनाने का मौका दिया।