आम तौर पर उम्मीद की जाती है कि दिग्गज खिलाड़ी को राष्ट्रीय टीम का कप्तान बनाया जाए और काफी मामलों में ऐसा होते हुए भी देखा गया है। कुछ उदाहरण ऐसे भी रहे हैं जब किसी नए खिलाड़ी को टीम का कप्तान बना दिया गया हो। दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (Greame Smith) और भारत के महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) इसका उदाहरण हैं। अपने देश की राष्ट्रीय टीम का कप्तान बनना भी सौभाग्य की बात होती है और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने वाले हर खिलाड़ी को कप्तानी नहीं मिलती है।
भारतीय टीम में सौरव गांगुली से पहले अजहरुद्दीन और सचिन कप्तान हुआ करते थे और बाद में राहुल द्रविड़, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली को कप्तानी करने का मौका मिला। बीच में कम समय के लिए भी कुछ खिलाड़ी कप्तान बने। वर्ल्ड क्रिकेट में अन्य देशों की टीमों में भी कप्तान कुछ इस तरह ही बने। प्रदर्शन बेहतर रहने पर कप्तान का सफर भी लम्बा चलता है और प्रदर्शन में निरन्तरता की कमी आने पर किसी अन्य खिलाड़ी को बतौर कप्तान खेलने का मौका मिलता है। यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का एक सिलसिला है, जो चलता रहता है। कई खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिनका नाम विश्व क्रिकेट में काफी ज्यादा हुआ लेकिन वे कप्तान नहीं बन पाए। इस लिस्ट में ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताया गया है जिन्होंने बिना कप्तान बने सबसे ज्यादा वनडे खेले हैं।
क्रिस हैरिस
न्यूजीलैंड के इस ऑल राउंडर को उनके समय में बेहतरीन खिलाड़ी माना जाता था। उन्होंने न्यूजीलैंड की टीम के लिए कुल 250 वनडे मैच खेले और 4000 से ज्यादा रन भी बनाए। गेंदबाजी में हैरिस ने 200 से ज्यादा विकेट हासिल किये लेकिन कप्तान बनने का मौका उन्हें कभी नहीं मिला। वह बिना कप्तान बने सबसे ज्यादा वनडे खेलने वाले खिलाड़ियों में तीसर नम्बर पर हैं। उनके ऑलराउंड खेल के कारण फैन्स उन्हें आज भी याद करते हैं।
युवराज सिंह
यह दिग्गज भारतीय खिलाड़ी किसी परिचय का मोहताज नहीं है। भारतीय टीम को कई मैचों में जीत दिलाने वाले युवराज सिंह का नाम भी बिना कप्तान बने सबसे ज्यादा वनडे खेलने वाले खिलाड़ियों में शामिल है। युवराज सिंह ने भारतीय टीम के लिए वनडे क्रिकेट में कुल 304 मुकाबले खेले थे। उन्होंने इस दौरान 8701 रन बनाए थे। गेंदबाजी में उनके नाम 111 विकेट हैं लेकिन कप्तान बनने का मौका उन्हें नहीं मिला।
मुथैया मुरलीधरन
यह नाम इस लिस्ट में देखकर थोड़ी हैरानी जरुर होती है लेकिन मुरलीधरन का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर है। श्रीलंका के लिए 350 वनडे मैच खेलने के बाद भी कभी वह कप्तान नहीं बन पाए। मुरलीधरन ने अपने करियर में टीम को कई मैचों में धाकड़ गेंदबाजी के दम पर जीत दिलाई। उन्होंने वनडे क्रिकेट में कुल 534 विकेट अपने नाम किये, यह एक बड़ा रिकॉर्ड है।