हर क्रिकेटर का एक सपना होता है कि वह अपने खेल के दम पर भविष्य में अपने देश के लिए याद किया जाए। हालांकि, यह सौभाग्य हर किसी को प्राप्त नहीं हो पाता। कुछ खिलाड़ी जिन्हें अपने करियर के दौरान कई बेहतरीन पारियां खेलने और टीम में निरंतर बने रहने के बावजूद उन्हें सिर्फ एक आम क्रिकेटर की तरह ही याद किया जाता है।
वही कुछ खिलाड़ी ऐसे भी जो सिर्फ एक मैच में अच्छा करने की वजह से आज भी याद किये जाते हैं। आज हम ऐसे ही 3 खिलाड़ियों की बात करेंगे जिन्हें उनके पूरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान मात्र एक मुकाबले में किये गए प्रदर्शन की वजह से याद किया जाता है।
ये 3 खिलाड़ी एक मैच के जबरदस्त प्रदर्शन के लिए याद किये जाते हैं
#3 केविन ओ'ब्रायन
ऑलराउंडर केविन ओ'ब्रायन को आयरलैंड का दिग्गज खिलाड़ी माना जाता है। इसके बावजूद दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को के बीच वह 2011 विश्व कप के आयरलैंड बनाम इंग्लैंड मुकाबले में ताबड़तोड़ शतक की वजह से याद किये जाते हैं। उस मुकाबले में इंग्लैंड के 327 रन बनाते ही यह मान लिया गया था कि आयरलैंड अब इस मुकाबले में कहीं भी दिखाई नहीं देगी लेकिन फिर केविन ओ'ब्रायन की तूफानी पारी ने उस मुकाबले का रुख ही बदल दिया।
ओ'ब्रायन के ताबड़तोड़ 63 गेंदों पर 113 रनों की बदौलत आयरलैंड ने इंग्लैंड को 5 गेंद शेष रहते 3 विकेट से मात दी थी और इस खिलाड़ी का नाम चर्चा बन गया था। वनडे वर्ल्ड कप में सबसे तेज लगाने का रिकॉर्ड भी उन्होंने अपनी इसी पारी के दौरान बनाया था। दिग्गज ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था।
#2 कार्लोस ब्रैथवेट
कार्लोस ब्रैथवेट का नाम आते ही हर क्रिकेट प्रेमी को 2016 टी-20 विश्व कप का फाइनल ही याद आता है, जहां उन्होंने इंग्लैंड के बेन स्टोक्स के खिलाफ आखिरी ओवर में लगातार चार छक्के लगाकर वेस्टइंडीज को दूसरी बार वर्ल्ड कप विजेता बनाया था।
उस मुकाबले में इंग्लैंड के द्वारा दिए गए 156 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज को आखिरी ओवर में 19 रनों की जरूरत थी और मैच में 85 रन मारने वाले मार्लन सैमुअल्स नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े थे। ऐसे में सबको यही लग रहा था कि वेस्टइंडीज शायद यह मुकाबला हार जाएगी लेकिन ब्रैथवेट ने एक के बाद एक 4 गेंदों पर लगातार चार छक्के लगाकर मुकाबले का रुख ही बदल दिया और वेस्टइंडीज को जीत दिला दी। आगे चलकर वह वेस्टइंडीज के कप्तान भी बने लेकिन वह कुछ खास सफलता नहीं हासिल कर पाए।
#1 जोगिंदर शर्मा
भारत को पहला टी-20 विश्व कप जिताने वाले जोगिंदर शर्मा को फाइनल मुकाबले में उनके आखिरी ओवर में चटकाए गए विकेट के लिए याद किया जाता है। उस फाइनल मुकाबले में भारत के द्वारा दिए गए 158 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान की टीम को 4 गेंदों पर मात्र 6 रनों की जरूरत थी और उनका सिर्फ एक विकेट शेष था। ऐसे में जोगिंदर शर्मा ने मिस्बाह उल हक को श्रीसंत के हाथों कैच आउट करवा कर भारत को एक यादगार जीत दिलाई और अपना नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा हमेशा के लिए दर्ज करवा दिया।
जोगिंदर शर्मा उस मुकाबले के बाद भारत के लिए कभी कोई मुकाबला खेल नहीं पाए और उनका अंतरराष्ट्रीय करियर मात्र आठ मैचों में खत्म हो गया।