3 खिलाड़ी जो भारतीय टीम में और अधिक योगदान दे सकते थे, अगर वे चोटिल ना होते 

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ज़हीर खान

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ज़हीर खान को कपिल देव के बाद भारत का सबसे सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ माना जाता है लेकिन अपने लगभग डेढ़ दशक लंबे करियर में वह भी चोटों से बच नहीं पाए।

ज़हीर ने अकेले दम पर भारत को कई मैच जिताये हैं। 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे श्रृंखला से अपने अंतराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने अपने करियर की शुरुआत में विश्व कप 2003 में भारत को फाइनल तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के पहली ही मैच में ज़हीर चोटिल हो गए जिसके बाद उन्हें पूरी श्रृंखला से बाहर होना पड़ा। इसके ठीक चार साल बाद दोबारा भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे में मेलबर्न में खेले गए पहले टेस्ट में वह चोटिल हुए और इसके बाद पूरे दौरे में उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। ज़हीर ने विश्व कप 2011 में 9 मैचों में 21 विकेट लेकर भारत को 28 साल बाद विश्व विजेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लगातार चोटिल होने और गिरती फिटनेस के कारण ज़हीर ने 2014 में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था।

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