3 खिलाड़ी जो भारतीय टीम में और अधिक योगदान दे सकते थे, अगर वे चोटिल ना होते 

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युवराज सिंह

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युवराज सिंह को विश्व कप 2011 के बाद कैंसर की वजह से 18 महीनों के लिए क्रिकेट से दूर होना पड़ा। यह भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे बड़ा नुकसान था। विश्व कप के दौरान युवराज को खून की उल्टियां हुईं थी लेकिन फिर भी वह टीम के साथ खड़े रहे और भारत को विश्व विजेता बनाने में सूत्रधार की भूमिका निभाई।

अपने इसी जुनून और समर्पण की वजह से युवी ने विश्व कप में मैन ऑफ द सीरीज़ का पुरस्कार जीता था। उस समय वह अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ दौर से गुज़र रहे थे लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें कैंसर की वजह से क्रिकेट से दूर होना पड़ा।

मुमकिन था कि अगर वह स्वस्थ रहते तो निश्चित रूप से 11,000 से अधिक वनडे रन बनाने के साथ-साथ 200 विकेट भी ले लेते। अपने ऑलराउंडर प्रदर्शन के दम पर वह दुनिया के महान खिलाड़ियों की फेहरिस्त में शामिल हो सकते थे लेकिन ऐसा हो ना सका। फिलहाल उन्होंने अपने वनडे करियर में 8701 रन बनाए और 111 विकेट हासिल किये हैं। युवी इस समय एक साल से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं और उनके लिए अब टीम में वापसी करना बहुत मुश्किल लगता है।

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