भारत (Indian Cricket Team) और पाकिस्तान (Pakistan Cricket Team) के बीच प्रतिद्वंदिता दोनों देशों की आजादी और विभाजन के बाद से सभी क्षेत्रों में चली आ रही है। क्रिकेट एक ऐसा क्षेत्र है जहां यह प्रतिद्वंदिता बढ़-चढ़कर दिखाई देती है। जब-जब इन दोनों देशों के बीच मुकाबला (Ind vs Pak) होता है तब तब देश में एक अलग ही माहौल बना रहता है और उस वक्त कोई भी टीवी स्क्रीन के सामने से हटना नहीं चाहता है। एक बार फिर दोनों देश आमने-सामने आने को तैयार हैं और इस बार यह मुकाबला 24 अक्टूबर को टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2021) के अंतर्गत खेला जाएगा।
इस मुकाबले को देखते हुए फिर से दोनों देशों के पूर्व खिलाड़ियों और फैंस के बीच बयानबाजी शुरू हो गयी है। एक बार फिर से गरमा गरमी का माहौल होना तय है और दोनों ही टीमों की प्रतिष्ठा एक बार फिर से दांव पर लगी होगी। दोनों ही टीमों के पास बेहतरीन खिलाड़ी है और दोनों ही टीमें बेहद मजबूत नजर आ रही हैं। दोनों ही देशों की तरफ से कई दिग्गज खिलाड़ी देखने को मिल चुके हैं लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे, जिन्होंने अपने करियर में दोनों देशों के लिए खेला। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 3 खिलाड़ियों का जिक्र करने जा रहे हैं जो भारत और पाकिस्तान दोनों टीमों से खेले हैं।
नोट - इस आर्टिकल में हमने खिलाड़ियों को किसी भी क्रम में नहीं रखा है।
3 खिलाड़ी जो भारत और पाकिस्तान दोनों टीमों से खेले हैं।
#1 गुल मोहम्मद
भारत की आजादी से ठीक 5 महीने पहले जब भारतीय क्रिकेट विश्व स्तर पर अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहा था, उस वक्त होलकर और बड़ौदा का रणजी ट्रॉफी फाइनल में आमना सामना किया। इस मैच में विजय हजारे, सैयद मुश्ताक अली, बड़ौदा के महाराजा जैसे कुछ बड़े नाम थे। इन सब के बीच छोटे कद के गुल मोहम्मद ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया और विजय हजारे के साथ मिलकर 577 रनों की विशाल साझेदारी की।
गुल मोहम्मद ने भारत के लिए आठ टेस्ट मुकाबले खेले और उसके बाद वह वापस लाहौर लौट आए और वहीं बस गए। 1956 में उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला और पाकिस्तान के लिए एकमात्र मैच खेला। इस तरह से वह दोनों देशों के लिए खेलने वाले खिलाड़ी बने।
#2 आमिर इलाही
आमिर इलाही ने 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए अपना पहला और आखिरी मैच खेला था। हालांकि उन्होंने इस मैच में एक भी ओवर की गेंदबाजी नहीं की थी। इस खिलाड़ी का करियर ज्यादा सफल नहीं रहा हालांकि उन्हें घरेलू क्रिकेट में महत्वपूर्ण सफलता मिली और वह टीम बड़ौदा के एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे।
आमिर ने इसके बाद पाकिस्तान की नागरिकता ली और 1953 में पाकिस्तान को टेस्ट का दर्जा मिलने के बाद उन्होंने 5 टेस्ट खेलकर 7 विकेट झटके। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच 44 की उम्र में भारत के खिलाफ खेला।
#3 अब्दुल हफीज कारदार
अब्दुल हफीज कारदार को पाकिस्तान क्रिकेट का जनक भी कहा जाता है। यह एक संपूर्ण ऑलराउंडर थे। इन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भारत का प्रतिनिधित्व किया मगर वे उस सीरीज में ज्यादा प्रभाव बनाने में नाकामयाब रहे।
आजादी के बाद कारदार पाकिस्तान चले गए और 1952 में पाकिस्तान के पहले कप्तान बने। उन्होंने भारत के खिलाफ ही पाकिस्तान की ओर से पदार्पण किया और उन्होंने अपनी कप्तानी में पाकिस्तान को उस समय सभी टेस्ट खेलने वाले देशों के खिलाफ जीत भी दिलाई। उन्होंने 23 मैचों में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया और बाद में एक मैनेजर बन गए। उन्हें 1958 में पाकिस्तान सरकार से प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस अवार्ड भी मिला।