3 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें वर्ल्ड कप 2019 टीम में शामिल नहीं करना बहुत बड़ी भूल साबित हो सकती है

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30 मई से शुरू होने वाले वर्ल्ड कप के लिए अब बहुत ही कम दिन रह गए हैं। सभी टीमों की नजरें इस समय विश्व कप के ऊपर ही हैं। विश्व कप से पहले का समय सभी टीमों के लिए बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसी समय ये पता चलता है कि किन-किन खिलाड़ियों का विश्व कप के लिए अंतिम रूप से चयन करना है। खिलाड़ियों का सही चयन बहुत ज्यादा मायने रखता है क्योंकि अच्छे खिलाड़ियों का एक समूह ही आपको विश्व कप जितवा सकता है। चयन में अगर थोड़ी-सी भी कही चूक हुई तो विश्व कप जीतने का सपना चकनाचूर हो सकता है इसलिए सभी टीमों के चयनकर्ताओं के ऊपर इस समय बहुत बड़ी जिम्मेदारी है की वो विश्व कप के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का ही चयन करें।

भारत 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में विश्व कप जीत चुका है। ऐसे में वर्तमान कप्तान विराट कोहली के कंधों पर ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि वो भी धोनी की तरह टीम इंडिया को फिर से एक बार विश्व कप जीतवाए। विश्व कप के लिए कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिनका चयन पूरी तरह से तय है लेकिन कुछ खिलाड़ियों के चयन पर अब भी संशय बरकरार है। आज हम आपको टीम इंडिया के 3 ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताने वाले हैं जिनका चयन विश्व कप के लिए लगभग असंभव ही लग रहा है लेकिन ये ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने टीम इंडिया के लिए काफी कुछ किया है इसलिए विश्व कप के लिए इन 3 खिलाड़ियों का चयन नहीं करना कही बहुत बड़ी गलती तो नहीं है ? आइए जानते हैं उन तीनों ही खिलाड़ियों के बारे में विस्तार से।

#3 रविचंद्रन अश्विन

England v India: Final - ICC Champions Trophy

एक जमाने में रविचंद्रन अश्विन वनडे क्रिकेट में बहुत बड़ा नाम हुआ करते थे। उनकी घूमती हुई गेंदें विपक्षी बल्लेबाजों को खूब परेशान करती थी लेकिन अब समय बदल चुका है। कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल जैसे कलाई स्पिनरों के उदय के कारण अश्विन जैसे विश्व स्तरीय स्पिनर अब चयनकर्ताओं की नजरों से लगभग ओझल से हो गए हैं।

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अश्विन जैसे गेंदबाज में अभी भी काफी क्रिकेट बचा हुआ है और टेस्ट क्रिकेट में अब भी वो कप्तान कोहली की पहली पसंद हैं। अश्विन का वनडे रिकॉर्ड भी बहुत शानदार है। उन्होंने अब तक 111 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उनके नाम 150 विकेट हैं। ध्यान देने वाली बात ये है कि उनका इकॉनामी रेट 4.92 का है। इसका मतलब ये है की वो रन देने के मामले में बहुत ज्यादा कंजूस हैं।

साथ ही साथ वो बल्ले से भी महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम हैं। कई बार उन्होंने अपनी बल्लेबाजी के दम पर टीम इंडिया को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया है। पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर ने भी उनको विश्व कप टीम में लेने की वकालत की थी। ऐसे में उनको विश्व कप टीम में नहीं चुनना शायद एक बहुत बड़ी भूल साबित हो सकती है।

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#2 सुरेश रैना

England v India - 2nd Vitality International T20

एक समय हुआ करता था जब सुरेश रैना के बगैर वनडे टीम की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। वो टीम इंडिया के मध्यक्रम की रीढ़ हुआ करते थे। अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर उन्होंने बहुत सारे मैच टीम इंडिया को जितवाए हैं। सुरेश रैना पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हुआ करते थे।

रैना एक अच्छे बल्लेबाज होने के साथ ही साथ बेहतरीन क्षेत्ररक्षक भी थे। शायद ही कभी ऐसा हुआ हो जब फील्डिंग करते वक्त गेंद उनकी हाथों से छूटी हो। इसके अलावा वो कभी-कभी गेंदबाजी भी कर लेते थे। अगर उन्हें एक पूर्ण खिलाड़ी कहा जाए तो बिलकुल भी गलत नहीं होगा। उनके जैसा खिलाड़ी मिलना सचमुच बहुत मुश्किल है। टीम को जब भी उनकी जरुरत महसूस हुई है तब तब उन्होंने अपना योगदान दिया है। उनके जैसा खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए बहुत उपयोगी होता है जो खेल के मैदान पर अपना शत प्रतिशत योगदान देता हो।

#1 युवराज सिंह

Australia v India - 2011 ICC World Cup Quarter-Final

युवराज सिंह जैसा मैच विनर शायद अब तक टीम इंडिया में कोई नहीं हुआ है। 2007 का टी-20 विश्व कप तथा 2011 का विश्व कप जीताने में सबसे बड़ा योगदान युवराज सिंह का ही था। यही कारण था की उन्हें 2011 विश्व कप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट की ट्रॉफी से नवाजा गया था। दबाव वाले मैच में बड़े -ड़े खिलाड़ी भी बिखर जाते हैं लेकिन युवी ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दबाव वाले मैच में ही निकलता है।

2011 के विश्व कप के दौरान उनका स्वास्थ अच्छा नहीं था फिर भी उन्होंने बल्ले तथा गेंद दोनों से ही शानदार प्रदर्शन किया था। वर्तमान टीम इंडिया में भी उनके जैसा उम्दा ऑल राउंडर कोई नहीं है। इस बात में कोई संदेह नहीं है की युवराज सिंह एक चैंपियन खिलाड़ी हैं और उन्होंने टीम इंडिया के लिए जितना कुछ किया है उतना शायद ही कोई और खिलाडी कर पाए। भले ही चयनकर्ता उन्हें काफी समय से टीम में नहीं चुन रहे हों लेकिन अब भी उन्होंने विश्व कप में खेलने का सपना नहीं छोड़ा है।

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