3) मनोज तिवारी
मनोज तिवारी एक ऐसे खिलाड़ी, जिनका प्रदर्शन घरेलू क्रिकेट में हमेशा से ही काफी शानदार रहा है, लेकिन जब बात भारतीय टीम में चयन की आती है तो उनके हाथ निराशा ही लगती है। इसके बावजूद घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन लाजवाब रहा है और अब वो गेंद के साथ भी अपना योगदान देते हैं।
विजय हजारे ट्रॉफी में मनोज तिवारी ने 9 मैचों की 9 पारियों में 52.28 की औसत से 366 रन बनाए, जिसमें 4 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा देवधर ट्रॉफी में अबतक खेले दो मुकाबलों में तिवारी ने 68 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतकीय पारी भी शामिल हैं और साथ ही में 3 विकेट भी चटकाए।
निचले क्रम में अभी केदार जाधव भारत के लिए अहम किरदार निभा रहे हैं, लेकिन वो हाल के समय में काफी चोटिल हो रहे हैं। इसी को देखते हुए भारतीय टीम उनके विकल्प के तौर पर तिवारी को मौका दे सकती है और तिवारी एक बेहतर फील्डर भी हैं, जो विश्वकप में भारत के लिए काफी काम आ सकते हैं।
स्पेशल मेंशन: युवराज सिंह
भारतीय वनडे टीम के महानतम बल्लेबाजों में से एक युवराज सिंह का विकल्प अभी तक भारत को नहीं मिल पाया। युवी को टीम से ड्रॉप किए जाने के बाद कई खिलाड़ियों को उनकी जगह मौका दिया जा चुका है, लेकिन कोई भी बल्लेबाज अभी जगह पक्की नहीं कर पाया है।
शायद इसी वजह से युवराज सिंह के लिए वापसी की उम्मीद बाकी है। युवी एक बड़े मैच के खिलाड़ी है और उन्हें अहम मौकों पर अच्छा प्रदर्शन करना आता है। 2007 टी20 विश्वकप और 2011 विश्वकप में उनके योगदान को कौन भूल सकता है। इसके अलावा युवी इस समय फॉर्म में भी हैं और पहले से फिट भी नजर आ रहे हैं।
हालांकि चयनकर्ताओं के रुख को देखते हुए युवराज की वापसी की उम्मीद कम ही है, लेकिन युवी को हमेशा ही कमबैक के लिए जाना जाता है और विश्वकप में जीत के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से विदाई के बारे में जरूर सोच रहे होंगे।
क्रिकेट की ब्रेकिंग न्यूज़ और ताज़ा ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें