पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर को बीसीसीआई ने हाल ही में कमेंट्री पैनल से बाहर कर दिया। रिपोर्ट से पता चलता है कि 54 वर्षीय मांजरेकर भारत-दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला के लिए कमेंट्री पैनल में नहीं थे और उन्हें आईपीएल के 2020 सीज़न के लिए भी शामिल नहीं किया गया है। एक सूत्र ने खुलासा किया कि बीसीसीआई उनके काम से खुश नहीं थी और संजय मांजरेकर ने भी ट्वीट करके इस बात का खुलासा किया और कहा कि अगर बीसीसीआई मेरे काम से खुश नहीं है तो मैं इसे स्वीकार करता हूं।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में वह क्रिकेट के एक अच्छे जानकार के रूप में उभरे थे। हालाँकि, लोगों ने उनके बीसीसीआई से निकाले जाने को राजनीतिक कारणों का भी हवाला दिया। मांजरेकर सीएए के बारे में बहुत मुखर थे और उन्होंने जेएनयू के लिए अपना समर्थन भी व्यक्त किया था। इनके अलावा क्रिकेट जगत से जुड़े कुछ और कारण भी हो सकते हैं जो बीसीसीआई द्वारा संजय मांजरेकर को निकालने में जिम्मेदार हो सकते हैं।
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इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको तीन ऐसे कारण बताने वाले हैं जिनकी वजह से शायद बीसीसीआई ने संजय मांजरेकर को कमेंट्री पैनल से बाहर किया।
#1 मुंबई इंडियंस टीम का पक्ष लेना
संजय मांजरेकर की कमेंट्री के ऊपर वैसे तो काफी सवाल उठते थे लेकिन एक जो सबसे ज्यादा सवालिया निशान रहता था वो था उनका आईपीएल में विशेषकर मुंबई इंडियंस टीम का पक्ष लेना।
वास्तव में, पिछले साल आईपीएल के दौरान, उन्होंने फाइनल में भी एमआई का समर्थन किया था। जब एम एस धोनी के रन आउट पर काफी विवाद हुआ था और थर्ड अंपायर को अपना फैसला देने में काफी समय लग रहा था तो मांजरेकर ने बाद में स्वीकार किया कि उस दौरान वह यही सोच रहे थे कि थर्ड अंपायर धोनी को आउट करार दे। इसके बाद संजय मांजरेकर को प्रशंसकों की गुस्से का काफी सामना करना पड़ा था।
#2 रविंद्र जडेजा की आलोचना
2019 विश्व कप के दौरान, रविंद्र जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ एकमात्र लीग मुकाबला खेला था। लेकिन इससे पहले, संजय मांजरेकर जो विश्व कप के कमेंट्री पैनल में थे, उन्होंने कहा कि वह जडेजा की तरह 'बिट्स एंड पीस क्रिकेटर' के प्रशंसक नहीं हैं।
मांजरेकर के इस बयान के बाद क्रिकेट जगत में काफी कुछ घटित हुआ और जडेजा भी चुप नहीं बैठे थे। उन्होंने भी ट्विटर पर मांजरेकर की आलोचना की और कहा कि उन्हें दूसरे खिलाड़ियों का आदर करना चाहिए।हालांकि सेमीफाइनल मुकाबले में जडेजा के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद संजय मांजरेकर अपनी गलती को छुपाते हुए उनकी तारीफ भी करने से पीछे नहीं रहे थे।
#3 हर्षा भोगले से विवाद
कोलकाता में डे-नाइट टेस्ट मुकाबले में बल्लेबाजों को गुलाबी गेंद सही से दिखने को लेकर मांजरेकर और हर्षा भोगले में कमेंट्री के दौरान बहस हो गया था।
हर्षा भोगले ने सोचा था कि खिलाड़ियों से यह पूछना अच्छा होगा कि मुक़ाबले के दौरान गुलाबी गेंद के सही से दिखने को लेकर वो क्या महसूस करते हैं। हालांकि, मांजरेकर जो उस समय उनके साथ कमेंट्री में मौजूद थे उन्होंने इसके खिलाफ तर्क दिया और कहा कि जिन्होंने खेल खेला है उन्हें इस बात का पूरा अंदाजा है कि क्या हो रहा है, और गेंद के सही से न दिखने का कोई सवाल पैदा नहीं होता। भोगले ने अपनी बात को समझाने की कोशिश की लेकिन मांजरेकर हर्षा से बिल्कुल भी सहमत नहीं नजर आए।